अयोध्या: नरसिंह मंदिर के पुजारी ने फेसबुक पर लाइव आकर की आत्महत्या, चौकी इंचार्ज पर लगाए आरोप
अयोध्या : रायगंज स्थित नरसिंह मंदिर के पुजारी रामशंकरदास का शव सोमवार को पूर्वाह्न कमरे का दरवाजा तोड़ कर बरामद किया गया। करीब 40 वर्षीय पुजारी का शव छत की कुंडी से लटक रहा था। समझा जा रहा है कि रामशंकरदास ने आत्महत्या की है। आत्महत्या से पहले वह फेसबुक पर लाइव भी हुए।
दो मिनट 50 सेकेंड के लाइव वीडियो में पुजारी यह कहते सुने जा रहे हैं कि ‘मैं रायगंज पुलिस चौकी इंचार्ज और सुभाष सिंह की वजह से आत्महत्या करने जा रहा हूं। आप लोग न्याय को न्याय और अन्याय को अन्याय साबित करावें। मैं कल से भोजन भी नहीं किया हूं, क्योंकि रायगंज चौकी इंचार्ज मुझे प्रताड़ित करते हैं।
दो लाख रुपये घूस मांगते हैं। मैं दो लाख रुपये कहां से लाऊं। इस वजह से मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं।’ इस लाइव वीडियो के कुछ देर बाद एक अन्य लाइव में वह अपनी पगड़ी उतार कर उसका फंदा बनाते, उसे गले में कसते और फंदे पर लटकने के लिए चौकी पर खड़े होते नजर आते हैं।
इस बीच डीआइजी मुनिराज जी ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है। साइबर सेल के माध्यम से पुलिस न केवल मृत्यु से पूर्व पुजारी के फेसबुक लाइव, बल्कि पूर्व भी इस तरह की उनकी पोस्ट की विशेष जांच कराएगी।
पुजारी के विरुद्ध चल रही थी धमकी के मामले की जांच
पुजारी रामशंकरदास रायगंज चौकी इंचार्ज से यूं ही नहीं प्रताड़ित थे। पुलिस इन दिनों नरसिंह मंदिर के लापता महंत की शिष्या किरन सिंह की ओर से पुजारी के विरुद्ध दर्ज कराए गए एक मुकदमे की जांच कर रही है। इसमें किरन सिंह का आरोप है कि पुजारी रामशंकरदास ने उन्हें धमकी देते हुए कहा था कि जस तरह हमने महाराज (रामशरणदास) को मार दिया, उसी तरह तुमको मार दूंगा।
फेसबुक लाइव में पुजारी जिन सुभाष सिंह का नाम ले रहे हैं, वह रायगंज चौकी के ही दीवान बताए जा रहे हैं। लोगों ने बताया कि पुजारी गत कुछ दिनों से मंदिर के बर्तन और अन्य वस्तुएं बेच रहे थे, सुभाष सिंह और कुछ अन्य पुलिसकर्मी इसका विरोध करते थे। रायगंज पुलिस चौकी नरसिंह मंदिर के बगल ही है। नरसिंह मंदिर में गत वर्ष बमबाजी की घटना के बाद से नियमित रूप से भी पुलिस की ड्यूटी लगती थी।
बमबाजी की घटना से चर्चा में आए थे पुजारी
पुजारी रामशंकरदास तब चर्चा में आए थे, जब गत वर्ष 18 अगस्त को नरसिंह मंदिर में बमबाजी की घटना हुई थी। इस मामले में महंत रामशरणदास की शिकायत पर रामशंकरदास को हिरासत में भी लिया गया था। इसके विरोध में संतों के एक गुट ने कोतवाली का घेराव कर आरोप लगाया कि मंदिर पर भू-माफिया की दृष्टि है, जिसने षड़यंत्र कर पुजारी को फंसाने का प्रयास किया है।
संतों के इसी गुट के विरोध पर पुलिस ने न केवल पुजारी को छोड़ा, बल्कि पुजारी की तहरीर पर देवरामदास वेदांती, मोहनदास, जयगोविंद, महेंद्र तिवारी, कृष्णकुमार पांडेय, रघुनाथ, दधिबल सहित एक अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई।
अनसुनी रह गई महंत की शिकायत
इस बीच महंत रामशरणदास यह आरोप लगाते रह गए कि उनका शिष्य रामशंकरदास मंदिर पर कब्जा करना चाहता है। मंदिर परिसर में रह रहे कुछ लोगों को निकालने के षडयंत्र के क्रम में उसी ने बमबाजी का कृत्य किया है। महंत की इच्छा के विरुद्ध ही पुलिस ने उसी रामशंकरदास को मंदिर में रखवाया, जिससे महंत अपनी जान का खतरा बता रहे थे।
11 जनवरी से महंत भी हैं लापता
नरसिंह मंदिर के 90 वर्षीय महंत रामशरणदास 11 जनवरी से ही लापता हैं। महंत की तलाश में पुलिस बस्ती, अंबेडकरनगर व प्रयागराज की खाक छान चुकी है, किंतु साढ़े तीन माह बाद भी उनका कोई सुराग नहीं मिल सका है। यह प्रकरण 16 जनवरी को प्रकाश में आया, जब मंदिर के निकट रहने वाले अंशुमान तिवारी ने महंत की गुमशुदगी कोतवाली अयोध्या में दर्ज कराई।