प्रयागराज हत्याकांड: मोबाइल से हुआ चौंकाने वाला खुलासा, आखिर में किसी लड़के से हुई बात
प्रयागराज के फाफामऊ के गोहरी गांव में सामूहिक हत्याकांड को दो दिन नहीं बल्कि तीन दिन पहले अंजाम दिया गया था। पोस्टमार्टम के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि हत्याकांड सोमवार व मंगलवार की दरमियानी रात अंजाम दिया गया। बेहद चौंकाने वाली बात यह है कि न सिर्फ आसपास के लोगों बल्कि पड़ोस में ही रहने वाले भाइयों व अन्य परिजनों को भी घटना की जानकारी नहीं हो सकी। इसे लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आखिर कैसे तीन दिन तक एक साथ चार शव घर में पड़े रहे और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने यह बात बताई है कि शव तीन दिन पुराने थे। पोस्टमार्टम 25 नवंबर को हुआ ऐसे में माना जा रहा है कि हत्याकांड सोमवार व मंगलवार की दरमियानी रात अंजाम दिया गया। ऐसे में कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि तीन दिन तक परिवार के किसी भी शख्स के दिखाई न देने पर क्या किसी को अनहोनी की आशंका नहीं हुई।
किशोरी से हुआ था सामूहिक दुष्कर्म
इसके अलावा हत्याकांड में मारी गई किशोरी के साथ हत्यारों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसका गला भी घाेंटा था। उसके 10 साल के भाई का भी गला दबाया गया था। पोस्टमार्टम में इस बात का खुलासा हुआ है। हालांकि भाई-बहन के साथ ही उनके माता-पिता के सिर में भी वजनी चीज से वार किया गया था और सिर में लगी चोट की वजह से ही उनकी जान गई।
तीन डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच चारों शवों का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम में चारों मृतकों के सिर पर चोट के निशान मिले। इसके साथ ही यह भी पता चला कि किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। यही नहीं हत्यारों ने उसके सिर में वार करने के साथ ही उसका गला भी घोंटा था। इसी तरह उसके भाई का भी गला दबा दिया था। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाबत पुलिस की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। मामले में एसपी गंगापार से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन नहीं उठा।
मंगलवार को आखिरी बार दिखा था बेटा
फूलचंद मजदूरी करता था और गोहरी गांव स्थित घर में पत्नी, बेटी व बेटे के साथ रहता था। मंगलवार शाम आखिरी बार उसके बेटे शिव को ग्रामीणों ने देखा था। बुधवार को पूरे दिन घर से कोई बाहर नहीं निकला। बृहस्पतिवार सुबह गांव के ही चाट विक्रेता संदीप कुमार ने सामने से गुजरते वक्त घर का दरवाजा खुला देखा। भीतर झांकने पर कोई दिखाई नहीं दिया तो उसने कुछ दूरी पर रहने वाले फूलचंद के भाई किशन को सूचना दी जो सीमा सुरक्षा बल में तैनात है और इन दिनों छुट्टी पर घर आया है।
किशन ने बताया कि वह घर के भीतर पहुंचा तो वहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए। बरामदे में दो अलग-अलग चारपाइयों पर उसके भाई व भाभी खून से लथपथ मृत पड़े थे जबकि बगल में ही भतीजे का शव पड़ा हुआ था। भीतर के कमरे में भतीजी मृत मिली। उसके शोर मचाने पर आसपास के लोग व अन्य परिजन आ गए।
शाम सात बजे मोबाइल से हुई थी आखिरी कॉल
गोहरी कांड में मृतकों के घर से बरामद मोबाइल से भी कुछ अहम क्लू पुलिस के हाथ लगे हैं। पता चला है कि इस मोबाइल से 22 नवंबर की शाम सात बजे के करीब आखिरी बार कॉल की गई थी। इस दिन मोबाइल से जिन लोगों से बातचीत की गई, उनमें फूलचंद का भाई किशन भी शामिल था।
इसके अलावा कई लोगों से व्हाट्सएप कॉल के जरिए बात की गई थी। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल कॉल लॉग में मिले सभी नंबरों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
रास्ते की जमीन को लेकर चल रहा था विवाद
मृतकों के परिवारवालाें का आरोप है कि गांव के ही कुछ दबंगों से उनका रास्ते की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। वह पहले भी कई बार मारपीट कर चुके हैं और अक्सर जान से मारने को धमकाते थे। इसमें मुकदमे भी लिखवाए गए। भाई किशन ने आरोप लगाया कि इसी रंजिश में इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया गया। मृतक फूलचंद के एक अन्य भाई लालचंद ने गांव के ही 11 लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है।