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रुला गई पूर्वा की मुस्‍कुराती हुई आखिरी सेल्‍फी, धाम को मोबाइल में किया था कैद

केदारनाथ से दर्शन कर छह यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी (मस्ता) आ रहा आर्यन हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर घने कोहरे के बीच एक पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा हेलीपैड से टेकऑफ के दो मिनट बाद हुआ। इस हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।

मृतक महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु राज्यों से हैं। मरने वालों में चार महिलाएं भी हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मौत से चंद घंटे पहले गुजरात के पूर्वा रामानुज (26) ने बाबा केदार के धाम में आखिरी सेल्फी ली थी। जो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

मौत से चंद घंटे पहले पोस्ट की गई तस्वीर को देखकर पूर्वा के परिवार के लोग, रिश्तेदार के साथ-साथ उसके दोस्त भी आहत हैं. आखिरी सेल्फी में पूर्वा के चेहरे की मुस्कान भोले के दरबार में वही खुशी व्यक्त कर रही है, लेकिन कौन जानता था कि यह मुस्कान फिर कभी नहीं दिखेगी।

मंगलवार को महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु से छह तीर्थयात्रियों ने केदारनाथ के दर्शन किए। दर्शन के बाद सभी को हेलीकॉप्टर से लौटना पड़ा।

सुबह करीब 11.34 बजे आर्यन कंपनी के हेलीकॉप्टर ने छह यात्रियों को लेकर केदारनाथ से गुप्तकाशी (मस्ता) के लिए उड़ान भरी लेकिन गरुड़चट्टी देवदर्शनी में घने कोहरे के बीच हेलीकॉप्टर के पायलट को सही दिशा नहीं दिखाई दी और 11.36 बजे हेलीकॉप्टर अचानक पहाड़ी से टकरा गया. और जमीन पर गिर गया।

हादसे में पायलट समेत सभी सात यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। हेलीकॉप्टर दो हिस्सों में टूट गया और एक हिस्सा जलने लगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसे में महाराष्ट्र निवासी हेलीकॉप्टर पायलट अनिल कुमार (57), जिसमें यात्री उर्वी बराड़ (25), कुर्ती बराड़ (30) और पूर्वा रामानुज (26) निवासी गुजरात, प्रेम कुमार वी ( 63), तमिलनाडु निवासी सुजाता (56) और कला (60) की मौके पर ही मौत हो गई। बताया कि सभी शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

केदारनाथ में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि खराब मौसम और घाटी में घना कोहरा दुर्घटना का कारण बना। बताया जा रहा है कि केदारनाथ एमआई-26 हेलीपैड से मस्ता के लिए हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने से पहले ही मौसम बिगड़ना शुरू हो गया था. इसके बाद भी पायलट ने हेलीकॉप्टर उड़ाने का जोखिम उठाया।

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