राष्ट्रीय

PM मोदी करेंगे वैश्विक बौद्ध शिखर सम्‍मेलन का उद्घाटन, चीन ने बनाई दूरी; नहीं शामिल हो रहा कोई प्रतिनिधि

नई दिल्‍ली : केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताह के अंत में दिल्ली में आयोजित होने वाले दो दिवसीय वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, जिसमें दुनिया के विभिन्न हिस्सों के प्रख्यात बौद्ध भिक्षु, विद्वान और प्रतिनिधि भाग लेंगे. उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सम्मेलन 20-21 अप्रैल को राजधानी के अशोक होटल में आयोजित किया जाएगा. रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. जिस पैमाने पर यह आयोजन हो रहा है, जिस प्रकार के कद के प्रतिभागी इसमें हिस्सा ले रहे हैं, यह अपने आप में इस तरह का पहला सम्मेलन होगा.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विभिन्न देशों के प्रख्यात बौद्ध भिक्षु, विद्वान, राजदूत और राजनयिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के साथ करेगा.”

मंत्री ने कहा कि भारत के अलावा लगभग 30 देशों के प्रतिनिधि इस विशाल कार्यक्रम में भाग लेने वाले हैं.

आईबीसी के महानिदेशक अभिजीत हालदार ने कहा कि जापान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम और रूस सहित अन्य देशों के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.

सम्मेलन का विषय ‘दर्शन से चलन तक समकालीन चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया’ है.

यह पूछे जाने पर कि क्या चीन का कोई प्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल होगा, हालदार ने कहा, ‘‘निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन कोई विशेष जवाब नहीं मिला है.”

उन्होंने कहा कि आईबीसी नेटवर्क दुनिया भर में फैला हुआ है और उसकी ओर से संस्थानों को निमंत्रण भेजा जाता है, न कि सरकारों को.

हालदार से यह भी पूछा गया था कि क्या तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा इसमें शामिल होंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने निमंत्रण भेजा है, लेकिन (उनके) स्वास्थ्य समस्याओं के कारण, हम अभी भी पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं.”

हालदार ने कहा कि सम्मेलन की पहली बार 2020 में कल्पना की गई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण उस समय इसका आयोजन नहीं हो सका था. उन्होंने कहा कि तब विभिन्न देशों के शीर्ष भिक्षुओं को एक समय में एक स्थान पर लाना मुश्किल था.

रेड्डी ने कहा कि भारत ‘बौद्ध धर्म की जन्मस्थली’ और ‘बुद्ध की भूमि’ है.

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने बौद्ध इतिहास और विरासत को व्यापक तौर पर दुनिया के सामने प्रदर्शित करें और यह सम्मेलन देश और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है.”

रेड्डी से यह भी पूछा गया था कि क्या विदेशी प्रतिनिधि देश के विभिन्न बौद्ध स्थलों का दौरा करेंगे.

मंत्री ने कहा, ‘‘प्रतिनिधि विभिन्न स्थलों का दौरा कर सकते हैं और भारत सरकार उनकी यात्राओं के समन्वय में मदद करेगी, ताकि हम बौद्ध धर्म से जुड़े अपने स्मारकों और स्थलों का प्रदर्शन कर सकें.”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights