ग्रेटर नोएडादिल्ली/एनसीआरनोएडा

नोएडा में 50 बेड से अधिक के अस्पतालों के पंजीकरण की अनुमति जिलाधिकारी से मिलेगी, जानें पूरी खबर

नोएडा : जिले में 50 व उससे ज्यादा बेड के अस्पतालों के पंजीकरण के लिए अब जिलाधिकारी स्तर से अनुमति मिलेगी। 50 से कम बेड वाले अस्पताल व क्लीनिक का पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग ही करेगा।

जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि जिले में 450 से अधिक निजी अस्पताल, नर्सिग होम, क्लीनिक, पैथलैब व डायग्नोस्टिक लैब हैं। इनका पंजीकरण सीएमओ कार्यालय में हो रहा था। बीते दिन शासन ने 50 व उससे अधिक बेड वाले अस्पतालों के पंजीकरण व नवीनीकरण के लिए नई व्यवस्था लागू की है। हालांकि, क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट रजिस्ट्रेशन एक्ट लागू होने बाद नियम में बदलाव हुआ है। अब 50 से अधिक बेड वाले अस्पताल का पंजीकरण डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी के माध्यम से होगा। इसके लिए जिला रजिस्ट्रीकरणप्राधिकरण बनाया गया है। कमेटी में प्राधिकरण, सीएमओ, आइएमए, पुलिस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। लंबे समय से चल रहा था विवाद:

निजी क्लीनिक और अस्पतालों के पंजीकरण को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। निजी चिकित्सक क्लीनिक पंजीकरण नवीनीकरण हर साल के बजाय पांच साल में कराने का मांग कर रहे थे। इतना ही नहीं, सरकारी विभागों की ओर से दी जाने वाली एनओसी में भी बदलाव की मांग थी। पहले एक साल का अस्थायी लाइसेंस मिलेगा 50 बेड से अधिक क्षमता वाले अस्पतालों को पहले अस्थायी तौर पर एक साल का लाइसेंस मिलेगा। मानक पूरे होने पर पांच साल का लाइसेंस मिलेगा। 100 बेड वाले अस्पतालों को अस्थायी लाइसेंस के लिए 200 व स्थायी के लिए 1000 हजार रुपये देना होगा। 200 बेड वाले अस्पताल को अस्थायी लाइसेंस के लिए 400 व स्थायी के लिए 2000 हजार देने पड़ेंगे। 300 बेड वाले अस्पतालों को अस्थायी लाइसेंस के लिए 600 व स्थायी के लिए 3000 हजार रुपये फीस जमा करनी होगी। ये एनओसी है जरूरी : अग्निशमन विभाग, पर्यावरण विभाग, स्वास्थ्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एओसी) व क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट रजिस्ट्रेशन एक्ट का प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होगा।

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