इत्र कारोबारी पीयूष जैन का 23 किलो सोना जब्त
कन्नौज इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain) के घर से मिले 23 किलो सोना (सोने के बिस्कुट) को भारत सरकार ने जब्त कर लिया है. डीआरआई (DRI) के वकील अमरीश टंडन के अनुसार पीयूष इस सोने का कोई भी वैधानिक स्रोत नहीं बता सका है. इसलिए कोर्ट में भी केस चलता रहेगा. कन्नौज के इत्र कारोबारी पर कस्टम विभाग ने 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. 30 लाख रुपए पीयूष जैन पर जबकि 30 लाख उसकी कंपनी odochem industries पर लगाया गया है. इस कंपनी में पीयूष जैन पार्टनर है. साथ ही पीयूष जैन को इस सोने पर 4.38 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी चुकानी होगी.
घर में बनाए गए थे बंकर
बीते दिनों पीयूष जैन ने कानपुर जिला कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी. इसके जवाब में Directorate of Revenue Intelligence (DRI) की लखनऊ यूनिट ने कोर्ट में जवाब दाखिल किया था. DRI ने ही कस्टम ड्यूटी चुकाने की मांग की थी. DRI के वकील ने जिला कोर्ट को बताया है कि पीयूष ने सबकुछ प्लान तरीके से किया था. उसने सोने को छिपाने के लिए घर में 10-12 साल पहले बंकर बनाए थे.
घर से मिले थे 196 करोड़ रुपये कैश
बता दें कि दिसंबर 2021 में कानपुर और कन्नौज में पीयूष जैन के ठिकानों पर छापे पड़े थे. वहां से 23 किलो सोने के बिस्कुट मिले थे. इसके अलावा कानपुर वाले घर से 177 करोड़ रुपये मिले थे. वहीं कन्नौज वाले घर से 19 करोड़ की बरामदगी हुई थी.
सोना-कैश छिपाने के लिए बनाए थे बंकर
जो 23 किलो सोना मिला ता उसपर विदेशी मार्क था. DRI ने कोर्ट को बताया है कि पूछताछ में पीयूष जैन ने माना है कि उसने वह सोना बिना बिल या कागजात के खरीदा था. ये सोने के बिस्कुट कैश देकर बिना कोई टैक्स दिये खरीदे गए थे. DRI के वकील अंबरीश टंडन ने बताया कि पीयूष जैन ने 10-12 साल पहले अपने घर पर बंकर बनवाये थे ताकि पैसा और गोल्ड उनमें छिपा सके. DRI ने फिलहाल पीयूष जैन की जमानत का विरोध किया है. कहा गया है कि अगर पीयूष को जमानत मिलती है तो यह टैक्स चोरी को बढ़ावा देगा. अब पीयूष जैन की जमानत पर 24 मई को सुनवाई होगी.
छापे में क्या-क्या मिला था
छापे की कार्रवाई के बाद डीजीजीआई के वकील अंबरीश टंडन ने बताया था कि पीयूष के घर से जो पैसा बरामद हुआ है, ये टैक्स चोरी की रकम है. बरामद रकम 42 बॉक्स में रखकर बैंक में जमा की गई है. टंडन ने बताया था कि कानपुर में 177 करोड़ 45 लाख रुपये बरामद किए गए. जिसे दो बार में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में जमा कराया गया. पहली बार 25 बक्सों में 109 करोड़ 34 लाख 74 हजार 240 रुपये, जबकि दूसरी बार में 17 बक्सों में 68 करोड़ 10 लाख 27 हजार की रकम बैंक भेजी गई थी.