हिजाब पर ओवैसी का बयान- समाजवादी भैया कहते हैं कि हमें कुछ सुनाई नहीं दे रहा..
कर्नाटक (Karnataka) में जारी हिजाब मुद्दे को लेकर यूपी में भी सियासी सरगर्मी काफी बढ़ गई है। इसी बीच हिजाब विवाद (hijab controversy) में उतरते एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी चुनाव (UP elections) से पहले समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। बता दें कि गुरुवार को भोजपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी (Owaisi) ने दावा किया कि भाजपा और सपा नेता एक हिजाब पहने महिला के प्रधानमंत्री बनने की उनकी इच्छा से नाखुश हैं। इसके अलावा, उन्होंने ऐसे समय में इस मुद्दे पर सपा की चुप्पी पर सवाल उठाया जब पार्टी अल्पसंख्यक समुदाय के मतदाताओं तक पहुंच रही है।
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने टिप्पणी की, “यह मेरा सपना है कि एक हिजाब पहने बेटी भारत की पीएम बनेगी। उन्होंने आगे कहा कि, डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर द्वारा बनाया गया भारतीय संविधान कहता है कि कोई भी भारत का पीएम बन सकता है। जब नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैंने रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने के लिए, तो मुझे भी यह कहने का अधिकार है कि मेरी बेटी एक दिन भारत की पीएम बनेगी और उसे कोई नहीं रोक सकता। बस इस बात का फैसला जनता करेगी। जब मैंने यह कहा, तो भाजपा और सपा नेता नाराज हो गए।”
हैदराबाद के सांसद ने कहा कि, “सपा नेता बहुत चुप हैं। वोट के लिए हर जगह जाने वाले नेताओं से पूछो- हिजाब और नकाब पर आपकी क्या राय है? जब अखिलेश से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘मैं सुन नहीं सका’। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आसमान में उड़ने वाली पतंग के अलावा आपको कुछ भी सुनाई नहीं देगा।”
हिजाब विवाद
इस बीच, कर्नाटक सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग के तहत सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजिएट और तकनीकी शिक्षा विभाग (DCTE) के तहत कॉलेजों के लिए 16 फरवरी तक के लिए छुट्टी बढ़ा दी है। इसके अलावा हिजाब विवाद को देखते हुए, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ सीएन अश्वथा नारायण ने भी मामले पर बढ़ते विवाद को देखते हुए कई आदेश जारी किए है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि कर्नाटक के उडुपी कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि पिछले 37 वर्षों से हिजाब को कक्षा में अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन परिसर में इसकी अनुमति थी। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ छात्राओं ने इस मुद्दे को उठाया जो कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) द्वारा पर्यावरण को बाधित करने के लिए उकसाया गया है।
दूसरी ओर, भगवा पहने छात्रों ने भी समानता की मांग करते हुए कहा है कि उन्हें किसी भी धार्मिक वस्त्र का प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है और इसलिए मुस्लिम छात्रों के लिए भी यही नियम होना चाहिए।