नोएडा बाइक बोट घोटाला : जम्मू-कश्मीर के मामलों की EOW करेगी जांच
नोएडा। न्यायालय से हो रहे आदेशों के चलते बाइक बोट मामले की जांच उलझती जा रही है। इस मामले में जम्मू हाईकोर्ट ने फिर से मेरठ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को आदेश दिए हैं कि वह जम्मू-कश्मीर के 180 लोगों से हुई ठगी के मामले में दर्ज मुकदमों की जांच करे।
जम्मू-कश्मीर में बाइक बोट कंपनी द्वारा 10 हजार से अधिक लोगों से ठगी की गई है। इस मामले को लेकर संघर्ष कर रहे जम्मू निवासी सुरेश भट्ट ने ‘हिन्दुस्तान से हुई वार्ता में बताया कि जम्मू हाईकोर्ट ने अब इस मामले में मेरठ ईओडब्ल्यू को जांच के आदेश दिए हैं। इसका आदेश न्यायालय के माध्यम से ईओडब्ल्यू को भेज दिया गया है। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने किसी भी पीड़ित से कोई संपर्क नहीं किया है। पहले जम्मू हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे, लेकिन सीबीआई ने इस पर आपत्ति लगा दी थी।
इस मामले में सबसे पहला मुकदमा अपराध संख्या 206 है, जिसकी जांच ईओडब्ल्यू कर रही थी। इसके बाद गाजियाबाद सीबीआई द्वारा इस प्रकरण से जुड़े 11 मुकदमों की जांच शुरू की गई थी, लेकिन बाद में सीबीआई ने इन मामलों का रिकॉर्ड भी ईओडब्ल्यू को भेजकर जांच बंद कर दी थी। वहीं, ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी कि इस प्रकरण में पूरे देश में बड़ी संख्या में मुकदमे दर्ज हैं, जिनकी जांच के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, इसलिए किसी अन्य एजेंसी से जांच कराई जाए। इसके बाद प्रदेश सरकार ने इसको लेकर गजट भी जारी करते हुए इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी। अभी तक इस प्रकरण की जांच को लेकर फैसला नहीं हो सका है और इस मामले की जांच थमी हुई है।
पीड़ित अब आरटीआई को बना रहे हथियार
बाइक बोट मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रहे सुरेश भट्ट और मुन्ना सिंह बालियान ने बताया कि इस मामले में न्याय के लिए अब आरटीआई का सहारा लिया जा रहा है। ईडी ने तो आरटीआई में संपत्ति की जानकारी देने से ही इनकार कर दिया है। अन्य एजेंसियों ने अभी तक आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया है, जिसके खिलाफ वह अपील में जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की तैयारी
इस मामले में न्याय के लिए पीड़ितों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं के साथ भी मंथन किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता धरना स्थल पर भी पीड़ितों के साथ बैठकें कर चुके हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी की जा रही है ताकि घोटाले के शिकार हुए आठ लाख से अधिक लोगों को न्याय मिल सके।
तीन आरोपी अब भी फरार
इस मामले में पहला मुकदमा दादरी थाने में 12 जनवरी 2019 को दर्ज हुआ था। इसके बाद जून 2019 में बाइक बोट कंपनी का मालिक संजय भाटी गिरफ्तार हुआ था। इस मामले में अभी तक 32 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। 15 पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई है। इसके अलावा ईडी ने 216 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच की है। पांच-पांच लाख के तीन इनामी, बिजेंद्र हुड्डा, संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल और भूदेव फरार हैं।