उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी में रोडवेज बसों के ल‍िए जारी हुआ नया फरमान, रात में 25 व दिन में 35 यात्री होने पर ही रवाना होंगी बसें

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) को बसों के संचालन में घाटा हो रहा है. बसें तो चल रही हैं लेकिन उसे अनुपात में सवारियां नहीं मिल रही है ऐसे में डीजल का खर्च भी कई रूटों पर निकल नहीं पा रहा है, जिसके चलते अब परिवहन निगम प्रशासन ने कम सवारी होने पर रोडवेज बस का संचालन नहीं करने का फैसला लिया है. इस निर्णय के बाद रात की बस में कम से कम 26 और दिन की बस में 36 सवारी कम से कम होनी चाहिए (36 passengers mandatory during day time in UP Roadways bus), तभी बस स्टेशन से बस का चक्का हिलेगा नहीं तो स्टेशन से बाहर सवारी लेकर बस नहीं निकलेगी.

परिवहन निगम की अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों, सेवा प्रबंधकों और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को लोड फैक्टर का ध्यान रखे जाने के आदेश दिये हैं. उन्होंने कहा है कि रात की बस सेवाओं में हरहाल में 25 यात्री होने ही चाहिए और दिन की सेवाओं में किसी कीमत पर 35 से कम यात्री न हों. अगर इससे कम यात्री लेकर बस चलेगी तो लोड फैक्टर नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि सितंबर माह यात्रियों के लिहाज से कम आवागमन वाला होता है. क्योंकि, सितंबर के अंत में श्राद्ध और उसके बाद नवरात्रि शुरू होगी.

इससे यात्री कम हो जाएंगे. ऐसे में घाटे से बचने के लिए अपर एमडी की ओर से ये आदेश जारी किया गया है. क्षेत्रों को 20 करोड़ रुपये प्रतिदिन राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य दिया गया है. हालांकि रोडवेज इससे काफी पीछे चल रहा है. उन्होंने कहा कि रात्रिकालीन सेवाएं 55 फीसदी से कम लोड फैक्टर होने पर संचालित न की जाएं. हालांकि जिन रूटों पर एक ही बस सेवा है, वो इस निर्देश से मुक्त होंगी. सभी बसों को टाइमिंग का भी ध्यान रखना है. बसों में लोड फैक्टर की जांच एआरएम और प्रवर्तन टीमों को करने के निर्देश दिये गए हैं. उन्होंने कहा है कि यात्रियों के कम होने पर उनको दूसरी बसों में ट्रांसफर किया जाए, जिससे यात्री को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े.

बता दें कि परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने जब रोडवेज की आय को लेकर समीक्षा की तो इस दौरान कई क्षेत्रों की इनकम काफी खराब निकली. इस पर उन्होंने नाराजगी जताई. अपने बचाव में क्षेत्रीय अधिकारियों ने यह भी तर्क दिए कि इस समय यात्रियों की काफी कमी है. सवारियां निकल नहीं रही हैं, जिससे बेसन का लोड फैक्टर नहीं आ रहा है. इसके बाद अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग की तरफ से कम सवारियां लेकर बसों का संचालन न करने के आदेश जारी किए गए.

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