नक्सलियों ने तोड़ी सड़क तो जवानों ने गर्भवती महिला को कंधे पर लाद के पहुंचाया अस्पताल
दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा में पुलिस के डीआरजी जवानों का मानवीय चेहरा देखने को मिला है. दंतेवाड़ा के दूरस्थ रेवली गांव में डीआरजी के जवान सर्चिंग पर निकले थे. बीते मंगलवार को जवानों को जंगल इलाके के रेवली गांव में एक महिला प्रसव पीड़ा में तड़पती मिली. रेवली गांव तक पहुंचने की कच्ची सड़क को नक्सलियों द्वारा काट दिया गया था, जिससे वहां तक एंबुलेंस पहुंचना संभव नहीं था. ऐसे में परिवार वाले गर्भवती को खटिये का कांवर बनाकर उसपर लेटाया और अस्पताल के लिए निकले. खटिए पर महिला को लेजाते डीआरजी जवानों की नजर पड़ी. इसके बाद जवानों ने परिवार वालों से खटिया पर लेटी महिला को लेकर अपने कंधे पर लादा और करीब ढाई किलोमीटर पैदल चले. इसके बाद अपने वाहन के जरिए गर्भवती को अस्पताल पहुंचाया.
दंतेवाड़ा पुलिस ने बताया कि जवानों द्वारा समय-समय पर आम जनता तक पहुंचकर कभी चिकित्सा सेवा, कभी राशन कपडे़ और अन्य प्रकार से लगातार सहायता पहुंचाई जाती है. विकास विरोधी विचारधारा वाले नक्सलियों द्वारा आम जनता के लिय सबसे उपयोगी सड़कों को काट कर नुकसान पहुंचाया जाता है, जिससे ग्रामीणों को आपातकाल में चिकित्सा की स्थिति में एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाती, जिससे सही समय में अस्पताल नहीं पहुंच पाने के कारण कई बार आम जनता को जान गंवाने तक की नौबत आ जाती है.
स्वस्थ हैं जच्चा-बच्चा
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक रेवाली गांव के पटेल पारा निवासी गर्भवती महिला कूर्म नंदे पति कूर्म देवा उम्र 35 वर्ष को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और वो दर्द से तड़पने लगी. परिवार वालों ने एंबुलेंस को फोन किया पर नक्सलियों द्वारा सड़क काट दिए जाने के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहंच पा रही थी. महिला की स्थिति गंभीर होता देख उनके परिवार वाले गर्भवती महिला को खाट में लेकर अस्पताल के लिए रवाना हुए ही थे कि रास्ते में डीआरजी के जवानों ने उन्हें देखा. जवानों द्वारा तत्काल गर्भवती महिला को खाट में अपनें कंधों पर उठाकर मुख्य मार्ग तक लाया गया एवं अपने गश्त वाहन में बैठाकर तत्काल पालनार स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया. स्वास्थ्य केन्द्र में महिला ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया.