राष्ट्रीय

मुकेश अंबानी परिवार को विदेश तक में मिलेगी Z+ सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निर्देश

नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी एवं उनके परिवार के सदस्यों को देश भर और विदेश में उच्चतम श्रेणी वाली ‘जेड प्लस’ सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने सोमवार को कहा कि सोच-विचार करने के बाद यह राय है कि यदि सुरक्षा संबंधी खतरा है, तो सुरक्षा व्यवस्था को किसी विशेष क्षेत्र या रहने के किसी विशेष स्थान तक सीमित नहीं किया जा सकता.

पीठ ने कहा कि प्रतिवादी संख्या दो से छह (अंबानी परिवार) को प्रदान की गई ‘जेड प्लस’ सुरक्षा उन्हें पूरे देश और विदेश में उपलब्ध कराई जाएगी और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्रदान करने का पूरा खर्च और लागत अंबानी परिवार वहन करेगा.

शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए उपरोक्त निर्देश पारित किया कि प्रतिवादी संख्या 2 से 6 को प्रदान किया गया सुरक्षा कवच विभिन्न स्थानों और विभिन्न उच्च न्यायालयों में विवाद का विषय रहा है. अंबानी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि मुंबई पुलिस और गृह मंत्रालय व केंद्र सरकार द्वारा निरंतर खतरे की धारणा के मद्देनजर उन्हें उच्चतम स्तर की जेड प्लस सुरक्षा प्रदान की गई थी.

शीर्ष अदालत ने केंद्र की विशेष अनुमति याचिका में विकास साहा द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसमें त्रिपुरा उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेशों को चुनौती दी गई थी, जिसमें मुकेश अंबानी और उनके परिवार के संबंध में खतरे की धारणा के संबंध में गृह मंत्रालय को मूल फाइलें पेश करने का निर्देश दिया गया था. उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि पिछले साल जून में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी को संबंधित फाइलों के साथ सीलबंद लिफाफे में पेश होना चाहिए.

पिछले साल 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में उद्योगपति और उनके परिवार को प्रदान किए गए सुरक्षा कवर पर सवाल उठाने वाली जनहित याचिका के संबंध में त्रिपुरा उच्च न्यायालय की कार्यवाही को रद्द कर दिया था. हालांकि, साहा ने जुलाई के आदेश के स्पष्टीकरण के लिए फिर से एक विविध आवेदन दायर किया.

शीर्ष अदालत ने साहा द्वारा दायर आवेदन का निस्तारण करते हुए कहा, ‘हमारी सुविचारित राय है कि यदि कोई सुरक्षा खतरा है, तो प्रदान की गई सुरक्षा कवर और वह भी उत्तरदाताओं के अपने खर्च पर किसी विशेष क्षेत्र तक सीमित नहीं हो सकती. उत्तरदाता संख्या 2 से 6 की देश के भीतर और देश के बाहर भी व्यावसायिक गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा यदि किसी विशेष स्थान या क्षेत्र तक ही सीमित रहेगी तो सुरक्षा कवर प्रदान करने का मूल उद्देश्य विफल हो जाएगा.’

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights