शहीदों की आवाज संस्था ने इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के 44 सदस्यों की शहादत पर हमफरीगंज गांव में एक बड़ी प्रार्थना सभा का आयोजन किया
देशवासियों को शहीदों की शहादत को हमेशा नमन करना चाहिए – आत्मजीत सिंह
अंडमान और निकोबार द्विप समूह के हमफरीगंज गांव में शहीदों की आवाज संस्था ने केसरिया हिन्दू वाहिनी के साथ मिलकर इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के 44 सदस्यों की शहादत पर उनकी आत्मा की आध्यात्मिक शांति के लिए एक बड़ी प्रार्थना सभा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राज्यसभा सांसद एंव संसदीय राजभाषा समिति के संयोजक श्री रामचन्द्र जांगड़ा, शहीदों की आवाज संस्था के संस्थापक श्री आत्मजीत सिंह, केसरिया हिन्दू वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष श्री दीपेन्द्र दास गुप्ता और शहीदों की आवाज संस्था के प्रदेश प्रभारी श्री सौरभ सिंह उपस्थित रहे ।
शहीदों की आवाज संस्था के संस्थापक श्री आत्मजीत सिंह ने बताया कि कार्यक्रम की शुरूआत सर्वधर्म प्रार्थना सभा से हुई जिसमें उपस्थित अपार जनसमूह और उपस्थित मुख्य अतिथियों ने वीर शहीदों की आत्मा की आध्यात्मिक शांति के लिए सामूहिक सर्वधर्म प्रार्थना करने के साथ ही । कार्यक्रम में मौजूद सभी शहीदों के परिवारों के सदस्यों का अभिनन्दन करने के साथ ही उन्हें हर संभव सहायता करने का आश्वासन भी दिया गया।
आत्मजीत सिंह ने कहा कि भारतीय इतिहास में हमफरीगंज नरसंहार को कभी भूलाया नहीं जा सकता है। अंडमान और निकोबार की ये धरती इस बात की साक्षी है कि किस प्रकार इम्पीरियल जैपनीज द्वारा इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के 44 सदस्यों को एक-एक कर निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया गया था और उस वक्त कोई कुछ नहीं कर पाया था, वीर शहीदों को यहां पर रूह कपा देने वाली प्राताड़नाएं और यातानाएं दी गई है लेकिन आजादी के मतवालों के जोश आगे कोई भी जुल्मों सितम कभी नहीं टिक पाया वो हमेशा हस्ते मुस्कुराते सभी पीड़ाए सहन करते जाते थे। शहीदों की आवाज संस्था 44 वीर शहीदों के देशभक्ति के जज्बें को सलाम करती है और यहां की मिट्टी को साक्षी मानकर ये विश्वास दिलाना चाहती है कि हम हमेशा वीर शहीदों को उनका सम्मान दिलाने और उनके परिवारों को उनका अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
श्री आत्मजीत सिंह ने कहा कि पोर्ट ब्लेयर की सेल्यूलर जेल में 10 जून 2018 में भी हम प्रार्थना सभा का आयोजन कर चुके है, हमारी लड़ाई बहुत लम्बी है लेकिन हमारे इरादे वीर शहीदों की भावनाओं और देशभक्ति से भरे हुये है। शहीदों की आवाज हमारी संस्था का लक्ष्य और उद्देश्य ये है कि चाहे माध्यम कोई भी हो लेकिन हमें अपने शहीदों की शहादत को हमेशा नमन करना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। हमारा लक्ष्य पूरे भारतवर्ष में अलग अलग जगहों पर जाकर सन् 1857 से लेकर सन् 1947 तक देश की जंग ए आज़ादी में अपना सबकुछ बलिदान कर देने वाले वीरों महावीरों की महागाथाएं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है। हमनें शुरूवात अकेले ही की थी लेकिन मन में देश के लिए प्यार और देश के शहीदों का सम्मान था। आज शहीदों की आवाज संस्था पूरे भारत में 130 करोड़ से ज्यादा देशवासियों में देशभक्ति की भावना को जगाने के लिए अलग अलग प्लैटफार्म से प्रयास कर रही है।