राष्ट्रीय

लिंगायत मठ के महंत दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार, मजिस्ट्रेट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

बेंगलुरु. कर्नाटक में चित्रदुर्ग स्थित मुरुगा मठ के शिवमूर्ति मुरुगा स्वामी (Shivamurthy Sharanaru Arrested)) को यौन शोषण मामले में पॉक्सो केस के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है. शिवमूर्ति मुरुगा शरणरु के खिलाफ मैसूरु सिटी पुलिस ने दो नाबालिगों की शिकायत के आधार पर POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. शिकायत के मुताबिक दो लड़कियां (उम्र 15 व 16 साल) मठ के स्कूल में पढ़ती थीं. उनके साथ लगातार साढ़े तीन साल तक दुष्कर्म किया गया.

पीड़िता 24 जुलाई को हॉस्टल से भाग गईं और 25 जुलाई को कॉटनपेट पुलिस स्टेशन में मिली. 26 अगस्त को नजरबाद पुलिस स्टेशन में लिंगायत मठ के स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई. हालांकि, स्वामी का कहना है कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. इसके पीछे किसी अंदरूनी शख्स का ही हाथ है. उन्होंने यह भी दावा किया कि वह इस केस में क्लीन निकलेंगे.

इससे पहले चित्रदुर्ग की एक स्थानीय अदालत ने मुरुगा मठ द्वारा संचालित एक उच्च विद्यालय की लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न मामले में मठ के प्रमुख महंत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारु की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी. महंत ने सोमवार को अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी. मगर उनके खिलाफ मंगलवार को SC/ST (अत्याचार निवारण) Act के तहत अतिरिक्त आरोप भी जोड़ दिए गए. एक पीड़िता अनुसूचित जाति से है. अब एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अतिरिक्त आरोप शामिल किये जाने की पृष्ठभूमि में जमानत याचिका पर अब पुलिस (अभियोजन) की आपत्तियां भी जरूरी हो गयी हैं. पुलिस ने अपनी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए कल का समय मांगा है.

शिवमूर्ति लिंगायत समुदाय के सबसे प्रमुख मठ के महंत हैं. कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत समुदाय का हमेशा असर रहा है. माना जाता है कि लिंगायत का समर्थन जिस दल को मिल जाए, राज्य में उसकी सरकार पक्की है. इसलिए चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही इस समुदाय को अपनी ओर साधने की कोशिश करते हैं. कर्नाटक के कई मुख्यमंत्री इसी समुदाय से आते हैं. इनमें वर्तमान सीएम बसवराज बोम्मई और पूर्व सीएम येदियुरप्पा शामिल हैं. येदियुरप्पा शिवमूर्ति के विशेष रूप से करीबी माने जाते हैं.

राहुल गांधी ने ली थी दीक्षा
शिवमूर्ति राज्य के पूर्व सीएम और बीजेपी की संसदीय समिति के सदस्य येदियुरप्पा के करीबी माने जाते हैं, दूसरी ओर कांग्रेस भी उन्हें लुभाने के प्रयास में रहती है. राहुल गांधी ने मुरुगा मठ के महंत से लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा ली थी. राहुल गांधी के ईष्टलिंग दीक्षा लेने के बाद कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने बयान दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी मुरुगाराजेंद्र मठ के समर्थक थे.

मुरुगाराजेंद्र मठ का कर्नाटक में कितना असर?
शिवमूर्ति कर्नाटक के 3000 से अधिक लिंगायत मठ में से सबसे प्रसिद्ध मुरुगाराजेंद्र मठ के मुखिया हैं. राज्य में अगले साल चुनाव होने वाले हैं जिसमें लिंगायत का समर्थन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. राज्य में लिंगायत समुदाय की आबादी सबसे अधिक 17 फीसदी है. मुरुगाराजेंद्र जैसे मठ का चित्रदुर्ग और मध्य कर्नाटक के कुछ इलाकों में भारी दबदबा है. यहां पिछड़ी, दलित और आदिवासी समुदाय के लोगों को मुफ्त शिक्षा जैसी सेवा दी जाती है.

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