विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लोगों को 24 घंटे बिजली और पानी देने का वायदा किया था। लेकिन, चुनाव जीतते ही सभी वादे हवा हवाई हो गए हैं। इन दिनों बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, बिजली कटौती के कारण छात्र-छात्राएं अपनी परीक्षा की तैयारी ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। गर्मी में घंटों तक बिजली आपूर्ति नहीं होने के कारण लोग परेशान हैं,फसल बोई जा रही है, किसानों के ट्यूबवेल बन्द हैं। उद्योग बुरी तरह प्रभावित हैं जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है।
अघोषित बिजली कटौती का असर राज्य में उद्योग, ग्रामीण क्षेत्रों समेत छोटे शहरों पर पड़ रहा है। प्रतिदिन ४ से ८ घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।
भाजपा सरकार बनते ही तोहफ़े स्वरूप बिजली के दामों को भारी इजाफा किया है. अब जनता को बिजली के ज्यादा दाम देने पड़ेंगे. विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों का टैरिफ प्लान जारी किया है. उत्तराखंड में बिजली दरों में 2.68 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. BPL श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए चार पैसा प्रति किलोवाट दाम बढ़े हैं. डोमेस्टिक श्रेणी में 15 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई. कमर्शियल श्रेणी में 16 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई. इंडस्ट्रीज श्रेणी में 15 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है. राज्य सरकार ने नए कनेक्शन की दरों में भी बढ़ोतरी की है. नए कनेक्शन लेने में 60 से 80 रुपये की बढ़ोतरी हुई.
अघोषित बिजली कटौती से जनता कर रही त्राहिमाम,24 घण्टे लो वोल्टिज और बार बार ट्रिपिंग की समस्या से जनता बेहाल,डबल इंजन सरकार से पूछना चाहता हूँ आखिर कब मिलेगी बिजली की समस्या से निजात।