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लखीमपुर खीरी हिंसा केस: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत 11 जुलाई तक बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी कांड की सुनवाई की रफ्तार पर संतोष जताया है. कोर्ट ने लगातार सुनवाई का आदेश देने से मना करते हुए कहा है कि निचली अदालत को रोजाना सुनवाई का आदेश नहीं दिया जा सकता. ऐसा करने से दूसरे लंबित मुकदमों की सुनवाई पर असर पड़ेगा. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को मिली अंतरिम जमानत भी 11 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है.

जस्टिस सूर्य कांत और जे के माहेश्वरी की बेंच ने कहा है कि मामले की समीक्षा के लिए जुलाई में अगली सुनवाई होगी. 2021 में गाड़ी से कुचल कर हुई किसानों की हत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मुख्य आरोपी है. कोर्ट ने 25 जनवरी को आशीष को 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत दी थी. आशीष को अंतरिम जमानत देते समय कोर्ट ने यूपी या दिल्ली में न रहने की शर्त लगाई थी. अब उसी आदेश को आगे बढ़ा दिया गया है.

​​​​​​​क्या है मामला?

3 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आंदोलनकारी किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाए जाने की घटना हुई थी. इस घटना में और उसके बाद उग्र किसानों की तरफ से की गई आरोपियों की पिटाई में कुल 8 लोगों की जान गई थी. मामले का मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा उर्फ मोनू है.

10 फरवरी, 2022 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आशीष को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. 18 अप्रैल, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को रद्द कर दिया था. उसके बाद से वह जेल में था. आखिरकार, इस साल 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ उसकी रिहाई का आदेश दिया.

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