अंतर्राष्ट्रीय

कजाख राष्ट्रपति ने दिया गोली मारने का आदेश

नई दिल्‍ली: कजाकिस्‍तान की पुरानी राजधानी अलमाटी में जब 20 हजार लोग हथियार लेकर घुसे और मेयर ऑफिस के सामने ही एक खड़ी कार को जला दिया. इससे खफा होकर कजाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ने घोषणा करते हुए आदेश दिया कि आतंकियों को बिना चेतावनी के गोली मारने से भी न हिचका जाए.

रिपोर्ट के अनुसार, कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट तोकायेव ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने सेना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आतंकवादियों के खिलाफ घातक बल का इस्तेमाल करने और आतंकियों से निपटने के लिए बिना किसी चेतावनी के गोली मारने के निर्देश दिए हैं.

टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तोकायेव ने कहा, “मैंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सेना को बिना किसी चेतावनी के मारने के लिए गोलियां चलाने का आदेश दिया है.”

उन्होंने कुछ अन्य देशों द्वारा प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत के आह्वान को बकवास बताया. तोकायेव ने कहा कि अपराधियों या हत्यारों के साथ क्या बातचीत की जा सकती है?

तोकायेव के अनुसार, कम से कम 20,000 बंदूकधारियों ने अल्माटी पर हमला किया. उन्होंने कहा कि सशस्त्र दंगाइयों को एक केंद्र द्वारा प्रशिक्षित और समन्वित किया गया था और अगर आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया तो उनका सफाया कर दिया जाएगा.

राष्ट्रपति ने अशांति को भड़काने के लिए तथाकथित स्वतंत्र मीडिया और विदेशी एजेंटों को भी दोषी ठहराया. उन्‍होंने कानून और व्यवस्था का उल्लंघन होने पर कठोर जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई.

उन्होंने यह भी कहा कि दंगे भड़कने से पहले अधिकारियों को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की मांगों के बारे में पता था और सुधारों की घोषणा करते हुए कहा कि वह 11 जनवरी को देश की संसद में मौजूदा संकट पर एक बयान देंगे.

बता दें कि देश में बड़े पैमाने पर विरोध जनवरी की शुरुआत में शुरू हुआ जब नागरिक पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के विरोध में सड़कों पर उतर आए. यह अशांति बाद में पड़ोसी शहरों में फैल गई. लूटपाट, अग्‍न‍िकांड और बर्बरता के साथ-साथ पुलिस के साथ हिंसक लड़ाई में यह विरोध प्रदर्शन बदल गया. कजाकिस्तान की पुरानी राजधानी और सबसे बड़े शहर अलमाटी में सैकड़ों लोग महापौर कार्यालय और पूर्व राष्ट्रपति भवन पहुंचे.

इससे पहले पुलिस अधिकारियों और जवानों पर हमले के कई मामले सामने आ चुके हैं. तोकायेव ने सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) से सहायता का  अनुरोध किया जो रक्तपात को रोकने के लिए देश में महत्वपूर्ण चीजों की रक्षा के लिए शांति सैनिकों को भेज रहा है.

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