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अतीक-अशरफ हत्या की जांच के लिए प्रयागराज फिर पहुंचा न्यायिक आयोग, कॉल्विन अस्पताल में चल रही छानबीन

इलाहाबाद. माफिया अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की जांच तेज हो गई है. हत्याकांड की जांच कर रही न्यायिक जांच आयोग की टीम शुक्रवार को दूसरी बार संगम नगरी प्रयागराज पहुंची. न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों ने धूमनगंज थाने के साथ ही घटनास्थल काल्विन हास्पिटल का स्थलीय निरीक्षण कर हत्याकांड को लेकर जानकारी जुटाई. इससे पहले न्यायिक जांच आयोग 20 अप्रैल को जांच करने प्रयागराज पहुंचा था. हालांकि उस वक्त न्यायिक जांच आयोग में तीन सदस्य ही थे.

हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस एके त्रिपाठी, रिटायर्ड आईपीएस सुबेश कुमार सिंह और रिटायर्ड जिला जज बृजेश कुमार सोनी ही टीम में थे लेकिन शासन के गृह विभाग द्वारा कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट 1952 के तहत गठित न्यायिक जांच आयोग में राज्य सरकार ने दो नये सदस्यों को और नामित कर दिया है. इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोंसले को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वीरेंद्र सिंह को न्यायिक जांच आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया हैं.

इस न्यायिक जांच आयोग को दो माह में जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट पेश करनी है. शुक्रवार की दोपहर 5 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की टीम प्रयागराज पहुंची थी. न्यायिक जांच आयोग के सदस्य सबसे पहले धूमनगंज थाने पहुंचे जहां पर उन्होंने पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद और अशरफ को रखे जाने के बारे में जानकारी ली. इसके बाद न्यायिक जांच आयोग की टीम थाने की पुलिस को साथ लेकर काल्विन हास्पिटल में घटना स्थल पर पहुंची. इस दौरान न्यायिक जांच आयोग की टीम ने उस रूट को भी देखा जिस रूट से माफिया अतीक अहमद को और अशरफ को काल्विन हास्पिटल मेडिकल के लिए लाया गया था.

इसके साथ ही उन्होंने टाइम भी देखा कि कितने टाइम में थाने से काल्विन हास्पिटल तक दोनों को पहुंचाया गया था. करीब पौने छह बजे न्यायिक जांच आयोग की टीम काल्विन हास्पिटल पहुंची. आयोग ने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के घटनास्थल पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की. करीब आधे घंटे तक न्यायिक जांच आयोग की टीम काल्विन अस्पताल में रही. इस दौरान सबसे पहले प्रिजन वैन से माफिया अतीक अहमद और अशरफ को उतारकर अंदर ले जाए जाने के बारे में न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोसले ने जानकारी ली.

उन्होंने इस बाबत धूमनगंज थानाध्यक्ष राजेश मौर्या से पूछताछ की, जिसके बाद उन्होंने फॉरेंसिक एक्सपर्ट से घटनास्थल के बारे में पूछा. हालांकि क्राइम सीन रीक्रिएट नहीं किया गया लेकिन कुछ उसी तरह की सिचुएशन को क्रिएट किया गया ताकि न्यायिक आयोग के सदस्यों को पूरे घटनाक्रम को आसानी से समझाया जा सके. माफिया अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी टीम ने भी घटना के बारे में जांच आयोग को जानकारी दी. एसआईटी टीम में एडीसीपी क्राइम सतीश चंद्र एसीपी सत्येंद्र तिवारी और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ओम प्रकाश शामिल हैं

न्यायिक जांच आयोग की टीम के सामने फारेंसिक एक्सपर्ट ने फीता लेकर दूरी का भी मापन किया और यह बताया कि प्रियजन वैन से उतरकर कितनी दूरी पर मेडिकल कराने के लिए अतीक अहमद और अशरफ को ले जाए जाना था. इससे पहले यहां पर एमएनएनआईटी की भी तकनीकी टीम भी पहुंची थी जिसने टीएसटी मशीन के जरिए घटनास्थल की मैपिंग की. इसकी रिपोर्ट भी न्यायिक जांच आयोग को दी जाएगी.

न्यायिक जांच आयोग की टीम कि दोबारा यहां पहुंचने से माना जा रहा है कि अब अतीक अहमद और अशरफ हत्या कांड के मामले में चल रही न्यायिक जांच में तेजी आएगी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पांच सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की टीम प्रयागराज में ही रुकेगी कुछ लोगों के बयान भी दर्ज कर सकती है। जिसके बाद आयोग के सदस्य कल प्रयागराज से रवाना होंगे. न्यायिक जांच आयोग की जांच के दौरान एडीजी प्रयागराज जोन भानु भास्कर, पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आकाश कुलहरी, डीएम संजय खत्री, अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल के साथ ही अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी की टीम भी मौजूद रही.

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