देहरादून: जोशीमठ भूधंसाव मामले को लेकर एक याचिकाकर्ता ने तत्काल सुनवाई की अपील की है। साथ ही जोशीमठ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का अनुरोध भी किया है। याची ने अपील में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट तत्काल मामले में हस्ताक्षेप करे। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपील को तत्काल सुनवाई के लिए लिस्ट करने को लेकर मंगलवार को इसका उल्लेख करने को कहा है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सिम्हा की पीठ ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से पेश हुए अधिवक्ता परमेश्वर नाथ मिश्रा से यह कहा गया है। जोशीमठ में भूधंसाव से उत्पन्न संकट को राष्ट्रीय संकट घोषित करने का अनुरोध करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने याचिका दाखिल की है।
अधिवक्ता परमेश्वर नाथ ने याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। इस पर पीठ ने उन्हें प्रक्रिया का पालन करने और मंगलवार को फिर से इसका उल्लेख करने के लिए कहा। पीठ ने कहा कि मंगलवार को मामला सूचीबद्ध करने वाली सूची में हो तो उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद इसका फिर से उल्लेख करें।
जोशीमठ के तुरंत मिले मुआवजा
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तर्क दिया है कि बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण जोशीमठ में यह संकट आया है। उन्होंने उत्तराखंड के लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजा दिए जाने की मांग भी की है। याचिका में मांग की गई है कि इस चुनौतीपूर्ण समय में जोशीमठ के निवासियों को पूर्ण समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश दिया जाए।