जेएनयू यौन उत्पीड़न मामला: अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी छात्रा, आरोपियों के कैंपस में आने पर लगी रोक
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की छात्रा के साथ यौन उत्पीडन के मामले में जेएनयू ने जांच शुरू कर दी है। आरोप हैं कि जेएनयू के दो पूर्व छात्रों समेत चार लोगों ने उसका यौन उत्पीडन किया है।
चीफ प्रोक्टर को 31 मार्च को मिली थी शिकायत
वाम नेतृत्व वाले जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि आरोपित एबीवीपी से जुड़े हुए हैं। हालांकि आरोपों का एबीवीपी ने खंडन किया है साथ ही इस मामले में उन्हें फंसाने की बात कही है। चीफ प्रोक्टर कार्यालय को इस संबंध में 31 मार्च को शिकायत मिली थी।
शिकायत के अनुसार शिकायकर्ता और उसका मित्र देर रात करीब दो बजे जेएनयू रिंग रोड के पास टहल रहे थे तभी यह कथित घटना हुई। शिकायत के अनुसार दो पूर्व छात्रों समेत चार लोगों ने कार से उनका पीछा किया और उनका यौन उत्पीड़न किया।
छात्रों ने साबरमती ढाबे पर किया विरोध प्रदर्शन
जेएनयू प्रशासन के अनुसार मामले की जांच शुरू कर दी है और प्राक्टर कार्यालय आरोपों की जांच कर रहा है। दोनों पूर्व छात्रों के परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है और जांच पूरी होने के बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी। इसमें जेएनयू के छात्रों ने साबरमती ढाबे पर विरोध प्रदर्शन भी किया।
धरने पर बैठी छात्रा
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, यौन उत्पीड़न की शिकायत पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन ‘निष्क्रियता’ का आरोप लगाते हुए जेएनयू की छात्रा कैंपस के मेन गेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है।
छात्रा का आरोप है कि 31 मार्च की रात कैंपस में दो पूर्व छात्रों समेत चार लोगों ने उनका यौन उत्पीड़न किया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि, शिकायतकर्ता ने दावा किया कि अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं और मेरे शिकायत दर्ज कराने के 30 घंटे से ज्यादा बीत गए हैं। मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।