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‘क्या राम मंदिर ही असली मुद्दा है? महंगाई, बेरोजगारी पर बात होनी चाहिए’, सैम पित्रोदा का बड़ा बयान

देश अयोध्या में भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी कर रहा है. वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने उस पर सवाल उठा दिया है. उनका कहना है कि क्या राम मंदिर असली मुद्दा है? उन्होंने कहा कि मुझे किसी भी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है. कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मुद्दा नहीं बना सकते. इसके अलावा पित्रोदा ने एक बार फिर ईवीएम को कटघरे में खड़ा कर दिया.

सैम पित्रोदा ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के बाकी सदस्यों से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को गंभीरता से लेने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव देश की नियति तय करेगा. पित्रोदा ने कहा कि मैं अपनी पार्टी और गठबंधन के सदस्यों से इस मामले को बहुत गंभीरता से लेने का अनुरोध करूंगा. यह कोई साधारण मुद्दा नहीं है. यह तय करेगा कि भारत किस रास्ते पर जा रहा है. उन्होंने कहा कि चुनाव पर नागरिक आयोग की एक रिपोर्ट है. अगर आप रिपोर्ट पढ़ेंगे तो आपको पता चलेगा कि यह मुद्दा कितना गंभीर है. इस रिपोर्ट पर 6,500 नागरिकों ने हस्ताक्षर किए हैं क्योंकि क्योंकि वीवीपैट पर अविश्वास है.

राहुल की अमेठी हार की वजह ईवीएम

सैम पित्रोदा ने कहा कि ईवीएम पर सवाल राहुल गांधी के भी हैं, मेरी उनसे इस मसले पर हुई है. उन्होंने इंडिया गठबंधन की बैठक में ये मुद्दा उठाया भी, वो तकनीकी खामियां भी समझ रहे हैं. पित्रोदा ने कहा कि हमारा मानना है कि, राहुल की अमेठी की हार की वजह ईवीएम है. सभी को इस मुद्दे पर आंदोलन करना चाहिए. साथ ही मेरा व्यक्तिगत ये मानना है कि अगर चुनाव आयोग नहीं सुनता है तो फिर 2024 में इसका विरोध किया जाए.

उन्होंने कहा कि मैं देख रहा हूं कि आज लोकतंत्र कमजोर हो गया है. एक देश का प्रधानमंत्री 10 साल तक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करता है, यह मुझे परेशान करता है. प्रधानमंत्री मंदिर में अधिक समय दे रहे हैं, यह मुझे परेशान करता है. इंडिया ब्लॉक के पीएम चेहरे पर बोलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव किसी चेहरे या व्यक्तित्व पर नहीं, बल्कि एक विचार पर लड़ा जाना चाहिए.

इंडिया गठबंधन में कई योग्य लोग

पित्रोदा ने कहा कि देश के संविधान की रक्षा कौन करेगा? लोकतंत्र को कौन बचाएगा? नौकरियां, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचा कौन प्रदान करेगा? यह राष्ट्रपति चुनाव नहीं है. यह एक संसदीय चुनाव है. तो आपके पास एक चेहरा नहीं बल्कि एक विचार होना चाहिए. विचार यह है कि हम लोकतंत्र चाहते हैं. प्रधानमंत्री के चेहरे पर उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में कई योग्य लोग हैं, कुछ दिखाई दे रहे हैं, कुछ नहीं दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं और नेतृत्व करने के योग्य हैं.

भारत दुनिया के लिए महत्वपूर्ण

उन्होंने कहा कि हम विदेश में भारत की नहीं बल्कि सरकार की आलोचना करते हैं. इन दो अलग-अलग चीजों के बीच भ्रम पैदा न करें. भारत दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है. और हमें वैश्विक मंच पर अपने देश के बारे में चर्चा करने का पूरा अधिकार है. बता दें कि पित्रोदा, राहुल गांधी की अमेरिकी यात्रा के दौरान उनके साथ थे. इस दौरान बीजेपी ने राहुल गांधी पर विदेश में देश के खिलाफ बोलने का आरोप लगाया था.

क्या राम मंदिर असली मुद्दा है?

2024 के चुनाव में जीत का भरोसा जताते हुए सैम पित्रोदा ने कहा कि देश के लोगों को सोचना होगा कि क्या वे हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं या समावेश, विविधता, रोजगार पर ध्यान देने वाला एक सच्चा धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अब लोगों को तय करना होगा कि असली मुद्दे क्या हैं, क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी और महंगाई है? इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा ने जोर देकर कहा कि अपने धर्म का पालन करें लेकिन धर्म को राजनीति से अलग रखें.

आधुनिक राष्ट्र का निर्माण कैसे होगा

सैम पित्रोदा ने कहा कि प्रधानमंत्री को किसी राष्ट्रीय स्टेडियम का नाम अपने नाम पर रखने में कोई समस्या नहीं है, जबकि वह जीवित हैं, यह मुझे परेशान करता है. इसलिए मुझे ऐसे संकेत मिल रहे हैं, जो कहते हैं कि हम गलत दिशा में जा रहे हैं. जब एक प्रधानमंत्री राम मंदिर में शामिल होता है, यह मुझे परेशान करता है. क्योंकि मेरे लिए, धर्म एक व्यक्तिगत चीज है. इसे राष्ट्रीय एजेंडे के साथ भ्रमित नहीं करना चाहिए. राष्ट्रीय एजेंडे को शिक्षा, रोजगार, विकास, अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इस तरह आप एक आधुनिक राष्ट्र का निर्माण नहीं कर सकते हैं.

मुझे परवाह नहीं है कि आप किस धर्म का पालन करते हैं. मुझे आपका सम्मान करना है कि आप कौन हैं न कि यह कि आप किस धर्म का पालन करते हैं. मैं यह तय नहीं करूंगा कि आप क्या खाते हैं, या आप किसके लिए प्रार्थना करते हैं, यह आपकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता है.

धर्म एक बहुत ही व्यक्तिगत चीज

कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरा देश राम मंदिर और राम जन्मभूमि पर लटका हुआ है. यह वास्तव में परेशान करने वाला है. धर्म एक बहुत ही व्यक्तिगत चीज़ है, इसका राष्ट्रीयकरण नहीं करना चाहिए. इसका प्रयोग राजनीतिक लाभ के लिए न करें. एक प्रधानमंत्री हर समय मंदिरों में समय बिता रहे हैं, इससे मुझे परेशानी होती है. मैं चाहूंगा कि वह स्कूलों, पुस्तकालयों और वैज्ञानिक संस्थानों में जाएं न की बहुत सारे मंदिरों में.

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