नई दिल्लीः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है. साथ ही हरक सिंह रावत को भारतीय जनता पार्टी से भी छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है.
हरक सिंह रावत के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कार्रवाई की गई है. बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत ने पार्टी से चुनाव में दो टिकट मांगे थे. इनमें एक टिकट वह खुद के लिए और दूसरा टिकट अपनी बहू अनुकृति गुंसाई के लिए मांग रहे थे.
वह लैंसडाउन से अपनी बहू के लिए टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी इस मांग से लैंसडाउन से मौजूदा विधायक दिलीप रावत खासे नाराज थे और सार्वजनिक रूप से विरोध जता रहे थे. वहीं, टिकट को लेकर पार्टी की तरफ से भी हरक को ठोस आश्वासन नहीं मिला था. इसके बाद उनके दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से मिलने और कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं.
इससे पहले वह शनिवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई कोर ग्रुप की बैठक में भी नहीं पहुंचे थे, जिसमें टिकटों को लेकर चर्चा की जा रही थी. तभी से उनके नाराज होने के संकेत मिल रहे थे.
इससे पहले भी हरक सिंह रावत कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जता चुके हैं. कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज नहीं खोले जाने को लेकर भी हरक सिंह नाराज हुए थे. हालांकि, कहा जाता है कि उनकी नाराजगी की असल वजह मेडिकल कॉलेज नहीं बल्कि चुनावी सीट थी.
वहीं, जब तीरथ सिंह रावत को हटाकर पुष्कर सिंह धामी को राज्य की कमान सौंपी गई थी. तब भी हरक सिंह रावत की नाराजगी की खबरें आई थीं.
बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति गुंसाई के साथ कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.