व्यापार

लोगों की नाराजगी के बाद फैसले से पीछे हटी आईआरसीटीसी, यात्री डाटा बेचने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में

नई दिल्ली. भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC)  ने अपने ग्राहकों के डेटा मोनेटाइजेशन (Data Monetization) के लिए सलाहकार नियुक्त करने संबंधी विवादास्पद टेंडर वापस ले ली है. अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि प्राइवेसी पर चिंताओं के बाद यह फैसला किया गया.

संसदीय समिति ने IRCTC के अधिकारियों को किया था तलब 

आईआरसीटीसी ने शुक्रवार को आईटी पर संसद की स्थायी समिति को बताया कि टेंडर को वापस ले लिया गया है. इस समिति के अध्यक्ष कांग्रेस नेता शशि थरूर हैं. दरअसल, डेटा मोनेटाइजेशन के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति के लिए टेंडर जारी करने पर पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट के बाद संसदीय समिति ने आईआरसीटीसी के अधिकारियों को तलब किया था.

आईआरसीटीसी की एमडी और चेयरपर्सन रजनी हसीजा अन्य अधिकारियों के साथ समिति के सामने पेश हुईं. आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने समिति को बताया कि आईआरसीटीसी ने डेटा संरक्षण विधेयक को मंजूरी न मिलने के चलते टेंडर वापस ले ली है. समिति की सुनवाई से पहले शुक्रवार को आईआरसीटीसी की वार्षिक आम बैठक में टेंडर वापस लेने के बारे में फैसला किया गया.

1,000 करोड़ रुपये तक रेवेन्यू जुटाने की थी योजना

आईआरसीटीसी के 10 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं, जिसमें से 7.5 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं. आईआरसीटीसी ने यात्रियों एवं माल उपभोक्ता आंकड़ों के मौद्रिकरण के लिए एक सलाहकार नियुक्त करने को लेकर निविदा जारी की थी, ताकि 1,000 करोड़ रुपये तक रेवेन्यू जुटाया जा सके.

डीमेट अकाउंट में हैं डीलिस्टेड कंपनी के शेयर, कैसे करें रिकवरी?आगे देखें…

आईआरसीटीसी के टेंडर दस्तावेज के अनुसार, जिन आंकड़ों का अध्ययन करने की बात कही गई थी, उनमें विभिन्न सार्वजनिक एप्लीकेशन द्वारा दर्ज सूचनाएं शामिल थी. इस सूचनाओं में नाम, आयु, मोबाइल नंबर, पता, ईमेल आईडी, यात्रा की श्रेणी, लॉगइन, पासवर्ड आदि का ब्योरा शामिल था.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights