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अंतर्राज्यीय सॉल्वर गैंग का नोएडा में पर्दाफाश, एक अभ्यर्थी सहित चार आरोपी गिरफ्तार

नोएडा में सेक्टर-58 थाना पुलिस ने सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश कर चार आरोपियों को सेक्टर-62 गुप्ता तिराहे से गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक सॉल्वर और एक अभ्यर्थी भी शामिल है। आरोपी एसएससी की परीक्षा में अभ्यर्थी की जगह बैठकर परीक्षा देने आए थे। पुलिस ने उनसे फर्जी आधार सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

एडीसीपी रणविजय सिंह ने गुरुवार को बताया कि सेक्टर-62 स्थित डिजिटल एग्जाम सेंटर में एसएससी जीडी की परीक्षा आयोजित की जा रही है। पुलिस को सूचना मिली थी कि गिरोह के कुछ आरोपी सरकारी भर्ती परीक्षाओं में आवेदकों की जगह सॉल्वर भेजकर परीक्षा दिला रहे हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने सेक्टर-62 गुप्ता तिराहे से गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों की पहचान फिरोजाबाद के गांव इशहाकपुर निवासी राघवेन्द्र, विकास कुमार, गांव नगला गुलाल निवासी संजय कुमार और आगरा के फतेहपुर के मोहल्ला नगला पदी निवासी अनीश चाहर के रूप में हुई है। इनमें विकास सॉल्वर और राघवेंद्र अभ्यर्थी है। पुलिस ने आरोपियों से पांच मोबाइल, पांच फर्जी पैन कार्ड, पांच आधार कार्ड, एक डेबिट कार्ड, दो फर्जी प्रवेश पत्र, 46 वॉट्सऐप चैटिंग प्रिंट आउट और 52,150 रुपये बरामद किए हैं।

सरगना विकास पांच साल से कर रहा फर्जीवाड़ा : पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि गैंग का सरगना विकास है। वह फिरोजाबाद में बप्पा कैंपस के नाम से कोचिंग सेंटर चलाता है। यहां पर ही आरोपी अभ्यर्थियों को फंसाता था। वह गैंग बनाकर पिछले करीब पांच साल से सरकारी भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा कर रहा है। बीएससी में पढ़ाई करने वाला विकास खुद भी एक सॉल्वर है। वह 10 से 12 अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे चुका है। इसके अलावा गिरोह ने पिछले वर्षों में सैकड़ों परीक्षाओं में सॉल्वर भेजे हैं।

सॉल्वर गैंग का नेटवर्क हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बंगाल व बिहार सहित देश के अन्य राज्यों में फैला है। पुलिस जनवरी से नंवबर तक अलग-अलग सॉल्वर गिरोह के 40 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके बावजूद अब भी आरोपियों ने नोएडा को ही अपना ठिकाना बना रखा है। आरोपियों में गृह मंत्रालय के एएसओ से लेकर आयकर विभाग के इंस्पेक्टर भी शामिल हैं।

आरोपी विकास ने बताया कि वह असली अभ्यर्थी का प्रवेश पत्र लेकर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार कर लेता था। इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर आरोपी परीक्षा केन्द्र के अंदर प्रवेश कर जाता था। विकास आठ दिसंबर को राघवेन्द्र की जगह परीक्षा दे चुका है। वह गुरुवार को भी किसी अन्य की जगह परीक्षा देने आया था।

पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गैंग कई सरकारी भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर भेजकर सेंधमारी कर चुका है। इनमें दिल्ली पुलिस, जेल वार्डन उत्तर प्रदेश, आईटीबीपी, सीटैट, एसएससी जीडी सहित अन्य भर्ती परीक्षाएं शामिल हैं। पुलिस की तरफ से संबंधित विभाग को पूरे मामले की जानकारी दी गई है ताकि सॉल्वर की मदद से नौकरी पा चुके अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। आरोपियों से मिली वॉट्सऐप चैट में अभ्यर्थियों व सॉल्वर के बीच की बातचीत है।

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