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सिंगापुर में भारतीय मूल की महिला को 14 साल की जेल, नौकरानी को प्रताड़ित करने का है आरोप

सिंगापुर: सिंगापुर में सोमवार को भारतीय मूल की एक महिला को 14 साल की सजा सुनाई गई। उस पर अपनी बेटी के साथ घरेलू सहायिक को प्रताड़ित करने का आरोप था। बाद में सहायिका की मौत हो गई।

द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार 64 वर्षीय प्रेमा एस. नारायणसामी ने सजा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

प्रधान जिला न्यायाधीश तोह हान ली ने कहा, मृतक अब अपनी पीड़ा के बारे में बात करने के लिए हमारे साथ नहीं है, लेकिन सीसीटीवी के फुटेज में दुर्व्यवहार की चौंकाने वाली तस्वीर दिखाई गई है और वह अपने निधन से पहले कितनी मुक्त और कमजोर थी।

14 महीने की यातना के बाद म्यांमार की 24 वर्षीय पियांग नगैह डॉन की 26 जुलाई, 2016 को मौत हो गई।

अदालत को बताया गया कि कई मौकों पर नारायणसामी ने अपनी बेटी गायथिरी मुरुगयान के साथ सहायिका से मारपीट की।

उप लोक अभियोजक सेंथिलकुमारन सबपथी ने अदालत को बताया कि यह सिंगापुर के सबसे खराब दुर्व्यवहार के मामलों में से एक था।

द स्ट्रेट्स टाइम्स के मुताबिक मृतका को घसीट कर घर के चारों ओर एक गुड़िया की तरह फेंक दिया गया था, हम में से कई निर्जीव वस्तुओं के साथ भी इस तरह का व्यवहार नहीं करते हैं। उसका जीवन एक जीवित दु:स्वप्न से कम नहीं था।

पिछले साल नवंबर में नारायणसामी को सहायिक को चोट पहुंचाने के 47 आरोपों में दोषी ठहराया गया।

उनकी 41 वर्षीय बेटी मुरुगयन को 22 जून, 2021 को 30 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।

नारायणसामी को कपड़े टांगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बांस के खंभे से घरेलू सहायिका को पीटते हुए देखा गया था।

उसने पियांग को बालों से पकड़ लिया था। उसे जमीन पर घसीटते हुए ले गई थी।

28 मई, 2015 को जब पियांग ने नारायणस्वामी के परिवार के लिए काम करना शुरू किया, तब उसका वजन 39 किलोग्राम था, लेकिन 26 जुलाई, 2016 को जब उनकी मृत्यु हुई, तब उसका वजन मात्र 24 किलोग्राम था।

अपने जीवन के अंतिम 12 दिनों में वह रात में खिड़की की ग्रिल से बंधी हुई थी, जबकि वह उसी कमरे में फर्श पर सोती थी, जिसमें प्रेमा बिस्तर पर सोती थी।

शव परीक्षण में पाया गया कि नौकरानी की मस्तिष्क की चोट से मृत्यु हो गई।

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