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गलवान संकट के बाद एलएसी पर अपनी ताकत को बढ़ा रही है भारतीय वायु सेना: एयर चीफ मार्शल

नई दिल्ली. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायुसेना वर्ष 2020 में गलवान घाटी संकट के बाद से उत्तरी सीमा पर हो रहे घटनक्रम से ‘पूरी तरह से वाकिफ’ है. उन्होंने कहा कि किसी भी खतरे से निपटने के लिए बल लगातार अपनी क्षमताओं का विस्तार कर रहा है और रणनीति में बदलाव कर रहा है. वायुसेना प्रमुख ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘तीन साल में हमने पर्याप्त अवसंरचना का विकास किया है और सुनिश्चित किया है कि हमारे सभी साजो सामान की उचित तैनाती हो.’

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में गत तीन साल से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध है. यह स्थिति कई स्थानों से दोनों तरफ से सैनिकों के पीछे हटने और कई दौर की कूटनीतिक व सैन्य वार्ता होने के बाद है. एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘हम किसी भी चुनौती से निपटने के लिए 24 घंटे तैयार रहते हैं. हमें उत्तरी सीमा पर हो रहे घटनाक्रम की जानकारी है। वहां घट रही घटनाओं की हम नियमित निगरानी करते हैं.’ वायुसेना प्रमुख ने यह राय गलवान में झड़प के बाद चीन के खतरे को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में व्यक्त की.

उन्होंने बताया, ‘गलवान संकट के बाद हमारा प्राथमिक उद्देश्य इलाके में निगरानी बढ़ाना है ताकि देख सकें कि सीमा पर वास्तव में क्या हो रहा है.’ वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘इसलिए हमने इलाके में बड़ी संख्या में रडार तैनात किए. हमने जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की तैनाती बढ़ाई. हमने अपने लड़ाकू विमानों की पुन: तैनाती की.’ वह टाइम्स नेटवर्क के ‘इंडिया इकनॉमिक कॉन्क्लेव’ को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘हमने वे सभी कदम उठाए जिससे हमारी उपस्थिति महसूस की जा सके और दुश्मन को जवाब दिया जा सके.’

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