भारत ने अफगानिस्तान भेजी दो हजार टन गेहूं की दूसरी खेप
भारत ने अफगानिस्तान में गेहूं की दूसरी खेप भेजी है। गुरुवार को अमृतसर से रवाना हुए 36 ट्रकों से 2,000 मीट्रिक टन (एमटी) गेहूं भेजा गया है। भारतीय की यह मानवीय सहायता अफगानिस्तान के जलालाबाद जाएगी। एक ट्रक चालक का कहना है कि हम इस सहायता को भेजने के लिए भारत के आभारी हैं। इससे दोनों देशों के बीच दोस्ती बढ़ेगी। पंजाब के अमृतसर में सीमा शुल्क आयुक्त राहुल नांगरे ने कहा कि आज (गुरुवार) हमने 36 ट्रकों में 2,000 मीट्रिक टन (एमटी) गेहूं भेजा है। हम अगले दो सप्ताह में 10,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजने की योजना बना रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया है कि 2000 मीट्रिक टन गेहूं लेकर भारत की मानवीय सहायता का दूसरा काफिला आज अटारी (अमृतसर) से जलालाबाद (अफगानिस्तान) के लिए रवाना हुआ। उन्होंने आगे कहा कि यह भारत की अफगान लोगों के लिए 50,000 मीट्रिक टन गेहूं देने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है और डब्ल्यूएफपी (विश्व खाद्य कार्यक्रम) अफगानिस्तान द्वारा वितरित किया जाएगा।
खाद्यान्न संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को भारत ने मानवीयता के आधार पर गेहूं की पहली खेप 26 फरवरी को भेजी थी। 2,500 मीट्रिक टन गेहूं की खेप 50 ट्रकों से जलालाबाद भेजी गई थी।
भारत ने पाकिस्तान से किया था ट्रांजिट सुविधा का अनुरोध
बता दें कि भारत ने अफगानिस्तान को गेहूं भेजने के लिए पाकिस्तान से ट्रांजिट सुविधा का अनुरोध किया था। भारत ने पिछले साल अक्तूबर में पाकिस्तान को प्रस्ताव भेजा था। पाकिस्तान की अनुमति के बाद यह मानवीय सहायता भेजी जा रही है।
सरकार की इस पहल की सराहना
भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के निदेशक बिशो परजुली ने कहा कि दुनिया भर में भारत सरकार की इस मानवीय सहायता की सराहना की जा रही है। डब्ल्यूएफपी ने पहले ही लगभग 70 लाख अफगानों की मदद की है और अनुमान है कि आधी अफगान आबादी को खाद्य सहायता की आवश्यकता है।