कल काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे पीएम मोदी, पंगत में ग्रहण करेंगे बाबा का प्रसाद
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के लिए रेवती नक्षत्र में दोपहर में 20 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है। मंडलायुक्त की मांग पर आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने मुहूर्त की सूची तैयार करके भेज दी है। आचार्य द्राविड़ ने इसके पूर्व अयोध्या में श्रीराम मंदिर के शिलान्यास के लिए मुहूर्त दिया था और उसके अनुसार ही पीएम ने मंदिर का शिलान्यास किया था।
आचार्य ने बताया कि 13 दिसंबर को रेवती नक्षत्र में भार्गव मुहूर्तानुसार श्लेषा नाड़ी में दिन में 1:37 बजे से 1:57 बजे तक श्री 1008 काशी विश्वनाथ धाम की प्रतिष्ठा महोत्सव समारोह का आयोजन करना शुभ होगा। सोमवार के दिन आठवीं होरा चंद्र की होने से उसमें कार्य करना श्रेयष्कर होगा। इसके साथ ही बन रहा मातंग योग कुल की अभिवृद्धि करेगा।
प्रतिष्ठा महोत्सव के पूर्व कर्मकांड विधि का अनुष्ठान चंद्रहोरा में प्रारंभ करना शुभ फलदायक होगा। काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर शहर में देव दीपावली सरीखा नजारा देखने को मिलेगा।
गंगा से शिव का एकाकार करा रहे काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। पीएम की अगवानी के साथ ही इस ऐतिहासिक क्षण में साक्षी बनने के लिए देश के प्रमुख शंकराचार्य, महामंडलेश्वर, श्रीमहंत सहित सनातन धर्म के सभी संप्रदायों के प्रमुख व गणमान्य लोग काशी पहुंचने लगे हैं।
काशी विश्वनाथ धाम शनिवार को 33 महीने मशीनों का शोर थमने के साथ ही शांत वातावरण में फूलों से महकने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को मां गंगा को साक्षी मानकर 54 हजार वर्गमीटर में बनकर तैयार काशी विश्वनाथ धाम को विश्व को समर्पित करेंगे।
काशी विश्वनाथ धाम के मणिमाला के मंदिरों में वेद मंत्रोच्चारण के बीच देवविग्रह और शिवलिंगों को मंदिरों में विधि विधान से स्थापित किया गया। काशी और दक्षिण भारत के विद्वानों के आचार्यत्व में 22 देवमूर्तियों को स्थापित किया गया। पुन: प्रतिष्ठा विधि की पूर्णाहुति में चारों वेदों का पारायण हुआ।
काशी विश्वनाथ धाम में महामंडलेश्वर 108 आशुतोष प्रखर महाराज एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल की उपस्थिति में देव विग्रह व शिवलिंग अपने स्थान पर पुनर्स्थापित हुए। सांग्वेद विद्यालय एवं गीर्वाणवाग्वर्धिनी सभा की देखरेख में वेदमूर्ति अरुण दीक्षित के आचार्यत्व में पं. विश्वेश्वर शास्त्री द्राविड़ एवं गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ के मार्गदर्शन में हेमंत मोघे ने 22 देवताओं की पुन:स्थापना की।
इस दौरान के वेंकट रमण घनपाठी, माधव जनार्दन रटाटे, चंद्रशेखर द्राविड़, मदनकृष्ण नागर, जयकृष्ण दीक्षित, सुनील दीक्षित, दत्तात्रेय नारायण रटाटे, अरुण कुमार झा, श्री निवास पुराणिक, कृष्णगोपा शर्मा, राजराजेश्वर द्राविड़, वेंकटेश्वर द्राविड़ मौजूद रहे। कार्यक्रम के यजमान अपर कार्यपालक अधिकारी निखिलेश कुमार मिश्र रहे।
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर काशीवासियों में उत्साह है। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए घाटों पर देव दीपावली की तरह दीये जलाए जाएंगे लेजर लाइट शो के साथ वाराणसी के सभी मंदिरों और सरकारी व प्राइवेट बिल्डिंग को सजाया जा रहा है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन अवसर पर वाराणसी के अलावा देश विदेश के विद्वान और साधु – संतों को काशी में आने का न्योता भेजा गया है।
इस दौरान पीएम मोदी के साथ कुल 4000 लोगों के शामिल होने की व्यवस्था की गई है। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के लाइव प्रसारण के लिए चैनलों के अलावा धार्मिक स्थलों, चौराहों पर टीवी स्क्रीन के माध्यम से कराया जाएगा। जिससे जो लोग मौके पर नहीं पहुंच पा रहे हैं, वे भी इस भव्य आयोजन का हिस्सा बन सकें।