जी हाँ आपको अचम्भा लगेगा पर सत्य है,उत्तराखंड के मुख्यमंत्री अपने कर्तव्यों से मीलों दूर नज़र आरहे हैं| जहाँ मुख्यमंत्री प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के अधिकारों के प्रति जवाबदेह हैं वहीँ उत्तराखंड मुख्यमंत्री नागरिकों की ज़मीनों पर सरकारी कब्ज़े करवा रहे हैं| मामला देहरादून के कुआंवाला का है जहाँ ग्राम समाज की भूमि में कोस्टगार्ड का दफ्तर बनना तय हुआ है| जिस ग्राम समाज की भूमि पर यह कोस्टगार्ड दफ्तर बनना तय हुआ है उसके ठीक आगे मुकेश कुमार नामक व्यक्ति की निजी भूमि है| मुख्यमंत्री के अफसरों की सेना पुलिस बल समेत मौके पर गयी और देखते ही देखते निजी भूमि में जबरन 30×300 उसके बाद मुख्यमंत्री शिलान्यास कर आये।
कल तक जो किसी की चारदीवारी से घिरी संपत्ति थी. आज रास्ता बन गयी है, यहाँ आपको बतादें सरकार द्वारा कब्जाई हुई भूमि खतौनी संख्या 579 फसली वर्ष 1421 से 1426 के अनुसार खसरा संख्या 5 क मि ० रकबा 3825.55 वर्ग मीटर व् खसरा संख्या
4 क व् 5 ग (पुराण नंबर 267 /1 व् 266 /२) रकबा 3843 .45 वर्ग मीटर कुल रकबा 7669 वर्ग मीटर मौजा कुआंवाला परवादून जिला देहरादून पंजाब नेशनल बैंक से नीलामी में खरीदा गया था|
कोई भी व्यक्ति अपने साथ हुए अन्याय की गुहार सरकार से लगाता है अगर सरकार ही अन्याय पर उतर आये तो नागरिक कहा जाये |यहाँ भी देखिये सरकार के अधिकारी अचानक आये और सरकारी बन क से की गई भूमि के एक हिस्से को रास्ता बना दिया|
टका सेर भाजी, टका सेर खाजा।
अंधेर नगरी, चौपट राजा।।