एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन कराने के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये हड़पकर फरार चल रहा 25 हजार रुपये का इनामी गैंग का लीडर गिरफ्तार
कब्जे से 1 लाख 28 हजार रुपये नकद,दो सोने की अंगूठी,एक सोने की जंजीर सहित दो मोबाइल फोन बरामद
नोएडा संवाददाता, थाना सेक्टर 126 पुलिस ने एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन कराने के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये हड़पकर फरार हो जाने वाले 25 हजार रुपये के इनामी अंतर्राज्यीय जालसाज गैंग लीडर यशवंत चोबे पुत्र देवेन्द्र चोबे निवासी ग्राम करनपुर पोस्ट युधिष्टर पट्टी थाना अहरौला तहसील बढ़नपुर जनपद आजमगढ़ उतर प्रदेश को महामाया फ्लाईओवर के पास से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए अभियुक्त के कब्जे से पुलिस ने 1 लाख 28 हजार रुपये नगद, दो सोने की अंगूठी, एक सोने की जंजीर मय लाकेट,पाँच फर्जी आधार कार्ड और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। अभियुक्त ने अपनी शिक्षा एमए गृह जनपद आजमगढ़ से प्राप्त की है। इसके बाद उसके दिमाग मे पैसा कमाने का जुनून सवार हुआ तथा वह अपने गृह जनपद से दिल्ली आ गया। जहाँ उसका सम्पर्क दीपक आईटी जानकार से हुआ। उसके बाद यशवंत चौबे ने दीपक के हुनर का लाभ उठाते हुए कैरियर से संबंधित कम्पनियां खोलकर ठगी का खेल प्रारंभ कर दिया तथा इस खेल में महारथ हासिल कर ली। उक्त गैंग के दो सक्रिय सदस्य दीपक और राजेश पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं। गौरतलब है कि 3 जनवरी 2023 को वादिया ने थाना सेक्टर 126 पर मुकदमा अपराध संख्या 03/23 धारा 420, 406 भादवि बनाम राजेश कुमार उर्फ जय मेहता जिसका ऑफिस ट्रूथ एडवाइजर कैरियर कन्सलटेन्सीं नामक संस्था ए 14 ईको टावर फर्स्ट फ्लोर सैक्टर 125 नोएडा पंजीकृत कराया था जिसमें वादिया ने जानकारी दी कि राजेश उर्फ जय मेहता द्वारा उससे बीजीएस ग्लोवल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बेंगलुरु में एमबीबीएस के कोर्स में दाखिला दिलाने के नाम पर कुल 13,98,000 रुपये लेकर फोन स्वीच ऑफ कर अपना कार्यालय बंद कर फरार हो गया है। जिसकी विवेचना के आधार पर ज्ञात हुआ कि ट्रूथ एडवाइजर कैरियर कन्सलटेन्सीं नामक संस्था ए 14 ईको टावर फर्स्ट फ्लोर सैक्टर 125 नोएडा में अंतर्राज्यीय जालसाजी गैंग द्वारा संचालित की जा रही थी जिसका सरगना यश चौबे है तथा इसने अपने जय मेहता, यशवंत चौबे, यश चतुर्वेदी आदि छदम नाम भी रख रखे है।गैंग द्वारा नीट की परीक्षा में असफल विद्यार्थियों की डिटेल नैट से निकालकर उनसे सम्पर्क कर उन्हें अपने ऑफिस में बुलाकर उनकी काउंसलिंग करते हैं तथा किसी एमबीबीएस कॉलेज में एडमिशन दिलाने का आश्वासन देकर उन्हें आश्वासन वाले कॉलेज के पास बुलाकर किसी होटल में वहाँ पहले से मौजूद अपने गैंग के अन्य सदस्य से मिलवाकर (जिसे उस कॉलेज का प्रशासनिक अधिकारी बताकर) एडमिशन कराने के नाम पर पैसों की डीलिंग कर पैसे ले लेते हैं। यह गैंग एक असफल विधार्थी से सम्पर्क करने के लिए एक ही सिम का प्रयोग करते थे।यह गैंग अपने राज्य के कॉलेज में एडमिशन के नाम पर 30-35 लाख रुपये तथा अन्य राज्य में एडमिशन के नाम पर 20-25 लाख रुपये वसूलते थे।इस गैंग के सरगना द्वारा एचडीएफसी, यस बैंक, एसबीआई बैंक तथा इन्डूसलैन्ड बैंक आदि बैंको में 13 खातें अपने व अपने सहयोगियों के नाम से संचालित होने का पता चला है। जिनमें से पुलिस द्वारा कुल 2,80,000 रुपये पूर्व में सीज कराये जा चुके हैं। यह गैंग 3-4 वर्षों से इस तरह की घटनायें कर रहा है। जो एक स्थान पर लगभग एक दो माह संचालित होकर अपना ऑफिस खाली कर गायब हो जाता है। अभी तक मालवीये नगर ,कानपुर, लखनऊ, नोएडा आदि शहरों में इनके ऑफिस रहने का पता चला है।अभी तक इनके द्वारा की गयी घटनाओं से पीड़ित एक ही वादी का पता चला है इसके अलावा गुजरात, लखनऊ, राजस्थान, कानपुर आदि शहरों के नीट परीक्षा में असफल छात्रों से इनके द्वारा एडमिशन के नाम पर पैसे वसूलने की बात पता चली है। आगरा व अलीगढ़ से भी दो दो लाख रुपये ले चुका है। यह गैंग अपने ऑफिस में रिसेप्शन पर 15 दिन या एक माह से ज्यादा किसी कर्मचारी को नहीं रखते थे तथा कुछ की सैलरी दिये बिना ही ऑफिस खाली कर गायब हो जाते थे।