इमरान खान को तोहफे में मिली थी दुर्लभ घड़ी, मात्र 20 लाख रुपये में हुई बिक्री; जानें पूरा मामला
दुबई के रहने वाले मशहूर कारोबारी उमर फारूक जहूर ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की तरफ से तोहफे में मिली महंगी घड़ी 20 लाख डॉलर में खरीदी थी. जबकि इस घड़ी की कीमत साल 2019 में तकरीबन 28 करोड़ रुपये थी. उमर फारूक जहूर ने ‘जियो न्यूज’ के साथ खास बातचीत में कहा कि ‘मार्च 2019 में पूर्व मंत्री शहजाद अकबर ने कहा था कि उनके पास घड़ियों का एक सेट है और अगर मेरी दिलचस्पी होगी तो मैं फराह खान (इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की करीबी दोस्त) से संपर्क करूं, क्योंकि उन्हें मदद की जरूरत है और उन्हें कोई खरीदार नहीं मिल रहा है’.
उमर फारूक जहूर ने इंटरव्यू में दावा किया कि वह दुबई में फराह खान से मिले और इन कीमतों चीजों को खरीदने में फौरन दिलचस्पी दिखाई. उमर फारूक जहूर ने कहा कि उन्होंने मुझे बताया कि सऊदी प्रिंस ने इमरान खान को यह घड़ी तोहफे में दी थी और वह इमरान खान व उनकी पत्नी की तरफ से इन चीजों को बेचना चाहती हैं. उमर फारूक जहूर ने कहा कि वह घड़ी को देखकर हैरान रह गए क्योंकि यह दुनिया की सबसे दुर्लभ घड़ी थी, जिसके बहुत सीमित संस्करण उपलब्ध थे.
उन्होंने कहा कि पीटीआई इस घड़ी को 40 से 50 मिलियन डॉलर में बेचना चाहता था, लेकिन बातचीत के बाद मैंने इसे 2 मिलियन डॉलर में खरीदा और फराह खान के कहने पर नकद अदायगी भी की. उमर फारूक जहूर ने कहा कि रकम अदा करने फौरन बाद, फराह खान ने फोन पर शहजाद अकबर को बताया कि सौदा हो गया है. इसके बाद शहजाद अकबर ने शुक्रिया भी कहा. इसके अलावा उन्होंने मुझसे इस मामले पर किसी से बातचीत करने को भी मना किया था.
हालांकि इस इंटरव्यू के प्रसारित होने के बाद शहजाद अकबर ने एक ट्वीट कर उमर फारूक जहूर से किसी तरह की मुलाकात या बातचीत से इनकार किया. शहजाद अकबर ने आगे कहा, “यह दुखद है कि इमरान खान के खिलाफ एक ऐसे शख्स का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी नागरिकता नॉर्वे ने उसकी काली करतूतों की वजह से रद्द कर दी थी. इंटरपोल भी उसकी तलाश में है. बता दें कि कारोबारी उमर फारूक पर आरोप है कि फर्ज़ी नामों की मदद लेकर पासपोर्ट हासिल करने के बाद अपनी नाबालिग बेटियों को गैर कानूनी तौर पर विदेश चले गए. लाहौर हाई कोर्ट ने उनका नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) में डालने का हुक्म दे रखा है.
बता दें कि इमरान खान को मिलने वाले सरकारी तोहफों की बिक्री से जुड़ा तोशा खाना मामला मुल्क की सियासत में एक अहम मुद्दा बन गया, जब चुनाव आयोग ने इमरान खान को झूठे हलफनामे के लिए अयोग्य ऐलान कर दिया. कई महीनों तक इस मामले को नज़रअंदाज़ करने के बाद इमरान ख़ान ने 8 सितंबर को एक लिखित जवाब में कुबूल किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मिले कम से कम 4 तोहफ़े बेचे थे.
जिन तोहफों का जिक्र किया गया उनमें मक्का के नक्शे के डायल वाली हीरे की घड़ी, हीरे के कफलिंक्स, हीरे की अंगूठी और हीरे जड़ित सोने की कड़ाही और मक्का का नक्शा शामिल था.