डंकी रूट से अमेरिका भेजने वाले एजेंट समेत तीन गिरफ्तार, 45 लाख की अवैध रकम हुई बरामद

आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने जाली दस्तावेजों के जरिए विदेश भेजने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आईजीआई एयरपोर्ट थाना टीम ने एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 45 लाख रुपये लेकर एक भारतीय नागरिक को डंकी रूट से अमेरिका भेजने वाले एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी सरबजीत सिंह, जो पंजाब के जालंधर स्थित गांव बिली चाओ का निवासी है, अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर इस पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहा था।
जांच के अनुसार, आरोपी ने यात्री को दुबई, सर्बिया, रोमानिया और फ्रांस के रास्ते अमेरिका भेजा था, जहां उसे जाली दस्तावेजों के साथ अवैध तरीके से प्रवेश कराया गया। अमेरिका में पकड़े जाने के बाद यात्री को भारत निर्वासित कर दिया गया।
जाली पासपोर्ट और डंकी रूट से अमेरिका की यात्रा
आईजीआई एयरपोर्ट पर 1 मई की रात अमेरिका से निर्वासित होकर पहुंचे यात्री पृथ्वीपाल सिंह को हिरासत में लिया गया। पासपोर्ट जांच के दौरान उसमें की गई छेड़छाड़ सामने आई, जिसके बाद उसके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
पूछताछ में पृथ्वीपाल ने खुलासा किया कि वह रोजगार की तलाश में अमेरिका जाना चाहता था। इस सिलसिले में उसने एजेंट अजीत पाल सिंह से संपर्क किया, जिसने 30 लाख रुपये लेकर उसे अवैध रूप से अमेरिका भेजने का आश्वासन दिया। दिसंबर 2021 में अजीत और उसके साथी संजीव ने पहले उसे दुबई, फिर सर्बिया और रोमानिया के रास्ते फ्रांस तक पहुँचाया।
फ्रांस में पैसे को लेकर विवाद के बाद वह कुछ वर्षों तक वहीं रुका रहा। इसके बाद उसने हरप्रीत सिंह नामक एक अन्य एजेंट से संपर्क किया, जिसने 15 लाख रुपये में उसे अमेरिका पहुंचाने का वादा किया।
अवैध यात्रा का जाल और गिरफ्तारी
हरप्रीत और उसके सहयोगियों ने पृथ्वीपाल को नीदरलैंड, पनामा, निकारागुआ और ग्वाटेमाला के रास्ते मैक्सिको पहुंचाया, जहां उसे नकली वीजा दिया गया। इसके बाद डंकी रूट से उसे अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कराया गया।
हालांकि अमेरिका में कुछ ही दिनों बाद वह पकड़ा गया और चार महीने की हिरासत के बाद उसे भारत निर्वासित कर दिया गया।
तीनों एजेंट गिरफ्त में
इस मामले में पहले ही दो एजेंट—कपूरथला निवासी अजीत पाल सिंह और संजीव कुमार—को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनके बयान के आधार पर पुलिस ने सरबजीत सिंह की तलाश शुरू की थी। कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद 20 मई को उसे जालंधर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार किया और बताया कि वह पिछले 2-3 वर्षों से इसी तरह के अवैध गतिविधियों में शामिल था।