गोरखपुर में पति-पत्नी और बेटी की गला रेतकर हत्या, एकतरफा प्यार में प्रेमी ने दिया घटना का अंजाम
एकतरफा प्रेम में एक सिरफिरे आशिक ने पति-पत्नी और बेटी की जान ले ली। पुलिस ने आरोपित को पकड़ लिया है। पुलिस के मुताबिक उसने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया है। खोराबार थाने में पूछताछ चल रही है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद वह आस-पास ही घूम रहा था और पुलिस के आने का इंतजार कर रहा था। पुलिस के आने के बाद वह खुद सामने आ गया है और हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि आलोक को गिरफ्तार किया गया है। वहीं दूसरी तरफ हत्या की घटना से पूरे गांव में तनाव को देखते हुए एहतियातन फोर्स लगाई गई है।
दरअसल, आलोक अपने ननिहाल में करीब दस साल से रहता था। पिछले एक साल से वह गामा की बेटी को परेशान कर रहा था। कुछ दिन तक तो युवती ने घरवालों से इसकी जानाकरी नहीं दी थी बाद में जब आलोक ने पीछा नहीं छोड़ा और वह तंग आ गई तो उसने पिता व अन्य से आलोक की करतूत बताई थी। गामा ने आलोक के मामा से उसकी शिकायत की थी जिसके बाद मामा ने आलोक को अपने घर से हटा दिया था। हालांकि उसके बाद भी उसने पीछा नहीं छोड़ा व संतकबीरनगर से आकर वह परेशान करता था। सूत्रों के मुताबिक करीब चार महीने से वह युवती के पीछे पड़ा था। सोमवार की घटना उसने संतकबीरनगर से ही आकर अंजाम दिया है। यही नहीं यह आलोक का दुस्साहस ही था कि तीन लोगों की हत्या करने के बाद भी वह भागा नहीं। हत्या के बाद वह गांव में चला गया जब पुलिस आई तब उसने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था। हालांकि पुलिस का कहना है कि आलोक को उन्होंने गांव से पकड़ा है। वहीं दूसरी तरफ गामा के भतीजे केशव की तहरीर पर खोराबार पुलिस ने आलोक पुत्र जवाहर पासवान के खिलाफ हत्या की धारा में केस दर्ज किया।
मौके पर पहुंचे एडीजी अखिल कुमार से लेकर एसएसपी डा. विपिन ताडा तक ने हत्या में शामिल आरोपित आलोक कुमार पासवान से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला कि वह युवती के पीछे काफी समय से पड़ा था। आलोक को उसका इंकार पंसद नहीं था यही वजह है कि उसने उसकी जान लेने की ठान ली थी। आलोक को यह पता था कि प्रीति मां-बाप के साथ चचेरी बहन की मटकोड़वा के कार्यक्रम में आएगी लिहाजा वह पहले से ही उनका घात लगाकर इंतजार कर रहा था।
पुलिस के मुताबिक गामा या फिर उनकी बेटी की तरफ से आलोक को लेकर कोई शिकायत पुलिस में नहीं की गई थी। बताया यह जा रहा है कि गामा को इस एकतरफा प्रेम के बारे में शायद पता था। उधर, आरोपित आलोक को लगता था कि अपने मां-बाप की वजह से ही वह उससे दूरी बना रही है यही वजह थी कि उसने जान लेने में कोई संकोच नहीं किया। पुलिस के मुताबिक आलोक मूलत: खलीलाबाद का रहने वाला है और मामा महेंद्र के यहां रायगंज में रहता है।
शादीवाले घर में मंगलगीतों की जगह चीत्कार और मातम
गोरखपुर के रायगंज गांव निवासी रामा की बड़ी बेटी की शादी थी। शगुन के गीत गाए जा रहे थे और एक-एक कर रस्में पूरी कराई जा रही थीं। सोमवार की रात में मटिकोड़वा के लिए परिवार की महिलाएं शगुन के गीत गाते निकल रही थीं। रामा के भाई गामा की पत्नी संजू भी बेटी प्रीति के साथ अपने नए मकान बंगला चौराहे से पैदल ही चल दी थी। संजू हर हाल में मटिकोड़वा की रस्म में शामिल होना चाहती थी। रास्ते में कातिलों ने तीनों को मौत के घाट उतार दिया। जैसे ही यह खबर रायगंज गांव में पहुंची। पूरा गांव सन्न रह गया। शगुन के गीत थम गए और रामा के घर में कोहराम मच गया।
रायगंज निवासी रामा के भाई गामा ने गांव से थोड़ी दूरी पर स्थित बंगला चौराहे पर मकान बनवा लिया था। गामा परिवार के साथ वहीं रहते थे। उनका बड़ा बेटा बाहर नौकरी करता है। उनके साथ पत्नी संजू, बेटी प्रीति और छोटा बेटा अच्छेलाल रहते थे। रामा की बड़ी बेटी की 27 अप्रैल को शादी तय थी। घर में शगुन के गीत गाए जाने लगे थे। महिलाएं एक-एक रस्मों को पूरा करने में जुटी थीं। सोमवार की रात में मटिकोड़वा था। सुबह से ही परिवार की महिलाओं ने मटिकोड़वा की रस्म पूरी करने की तैयारियां शूरू कर ली थी। रामा के परिवार वालों ने संजू तक संदेशा भेज दिया था। यही वजह है कि वह अपने पति और बेटी के साथ बंगला चौराहे से पैदल ही रायगंज के लिए चल दीं। संजू चाहती थी कि महिलाएं घर से मटिकोड़वा के लिए निकलें इससे पहले वह भी पहुंच जाए। तेज कदमों से पति और बेटी के साथ गांव की तरफ बढ़ी जा रही थीं कि तभी हमलावरों ने हमला कर दिया। एक-एक कर संजू, गामा और प्रीति की जान ले ली।
दूसरे रास्ते से जा रहा था बेटा, बच गई जान
गामा के भाई रामा की बेटी की शादी होनी है। मटिकोड़वा की रस्म में पति गामा और बेटी प्रीति के साथ संजू बंगला चौराहा स्थित मकान से गांव के लिए निकली थी। छोटा बेटा अक्षय भी साथ चला लेकिन 100-200 कदम बाद उसने दूसरा रास्ता पकड़ लिया। दूसरे रास्ते से जा रहा अक्षय हमले से बच गया।
लखनऊ तक पहुंची ट्रिपल मर्डर की गूंज
सीएम योगी के शहर में ट्रिपल मर्डर, यह खबर अफसरों को स्तब्ध कर देने वाली थी। पलभर में राजधानी के अधिकारी भी गोरखपुर के अफसरों के टच में आ गए। बड़े अफसर भी मर्डर के बारे में जानकारी ले रहे थे। एडीजी से लेकर एसएसपी तक सभी मौके पर थे व जानकारी जुटा रहे थे।
गोरखपुर के अधिकारी मौके पर घटना की तह में जाने की कवायद में थे और बीच बीच में उनके फोन की घंटियां बज जा रही थीं। सर, सर कहते, वे घटना का ब्योरा बताने में जुट जा रहे थे। सीयूजी मातहतों के पास रखने वाले अफसर खुद संभाले हुए थे क्योंकि उन्हें पता था कि पता नहीं कब किसका फोन आए। कहीं लूट के लिए हत्या तो नहीं हुई, यह सोचअफसर सहमे थे कि अगर ऐसा हुआ तो सीएम की जीरो टालरेंस की नीति की वजह से कार्रवाई तय है। जब एकतरफा प्रेम की वजह सामने आई तब अफसरों ने हत्या के आरोपित आलोक को पकड़ने में जोर लगा दिया और उसे दबोच लिया। आलोक के पकड़े जाने के बाद यहां के अफसरों ने लखनऊ के अफसरों को खबर खुद ही पहुंचाई कि हत्यारा पकड़ा जा चुका है।
हत्याओं से दहलता रहा है खोराबार इलाका
हाल के कुछ सालों में गोरखपुर के चार हत्या से सनसनी फैल चुकी है। शाहपुर के झरना टोला में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या हुई थी। वहीं खोराबार के पोछिया में तीन लोगों की हत्या की खबर सामने आई थी। इसके अलावा रामनगर कड़जहा के चचेरे भाई की झंगहा इलाके में हत्या हुई थी। खोराबार के शिवाजीनगर में एक ही परिवार के पांच लोगों की बवरिया गिरोह में हत्या हुई थी।
इसके अलावा झंगहा के सुगहा गांव में जनवरी, 2016 में राघवेन्द्र यादव व उसके साथियों ने एक ही परिवार के चाचा बलवंत व भतीजा कौशल की हत्या किया था। इसके बाद 22, जुलाई, 2017 में जयहिंद व उनके पुत्र नागेंद्र की हत्या किया था। दो बार मे किया। कुल चार मर्डर से क्षेत्र थर्रा गया और आरोपी राघवेंद्र यादव प्रदेश का मोस्ट वांटेड ढाई लाख का इनामी घोषित हुआ। इसके बाद डबल मर्डर जड्डूपुर गांव में हुई। जड्डूपुर गांव 28 नवंबर, 2021 को रामकिशुन यादव व पौत्र विशाल की हत्या गांव के निषादों ने किया था। उसके बाद नौवाबारी पलिपा में भी आशनाई में दो युवकों की हत्या करके उनके शव को गांव से दूर खेत मे दफनाया गया था। इस घटना में गणेश आकाश की हत्या हुई थी।