राष्ट्रीय

गृह मंत्री अमित शाह की मणिपुर वासियों से अपील, NH-2 की नाकेबंदी हटाएं ताकि भेजे जा सकें जरूरी सामान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मणिपुर के लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग-2 से नाकेबंदी हटाने की अपील की। नाकेबंदी हटने के बाद ही राज्य में भोजन, दवा और ईंधन जैसी जरूरी चीजें पहुंच सकेंगी। शाह ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर नागरिक समाज के सदस्यों से इस संदर्भ में पहल करने को कहा है। उन्होंने कहा, ‘मणिपुर के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि इंफाल-दीमापुर, राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर लगाई गई नाकेबंदी को हटा लें, ताकि भोजन, दवाइयां, पेट्रोल/डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुएं लोगों तक पहुंच सकें।’

अमित शाह ने कहा कि मैं यह भी अनुरोध करता हूं कि नागरिक संगठन आम सहमति बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं। शाह ने ट्वीट में आगे कहा, ‘हम सब मिलकर ही इस खूबसूरत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल कर सकते हैं।’ वहीं, केंद्र ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा की अध्यक्षता में रविवार को जांच आयोग का गठन किया। राज्य में हिंसा में 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, आयोग 3 मई को और उसके बाद मणिपुर में विभिन्न समुदायों के सदस्यों की लक्षित हिंसा और दंगों के कारणों व प्रसार के संबंध में जांच करेगा।

जांच के लिए 3 सदस्यीय आयोग का गठन 

यह आयोग उन घटनाओं की कड़ी और ऐसी हिंसा से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगा। यह भी देखा जाएगा कि क्या किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों/लोगों की ओर से इस संबंध में कोई चूक या कर्तव्य में लापरवाही हुई? जांच में हिंसा और दंगों को रोकने व इससे निपटने के लिए किए गए प्रशासनिक उपायों पर भी गौर किया जाएगा। अधिसूचना के अनुसार, आयोग द्वारा उसके समक्ष किसी व्यक्ति या संगठन की ओर से दी जाने वाली शिकायतों पर भी गौर किया जाएगा। आयोग जितनी जल्दी हो सके केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, लेकिन अपनी पहली बैठक की तारीख से 6 महीने के भीतर यह हो जाना चाहिए।

अधिसूचना में कहा गया है कि आयोग अगर उचित समझे, तो उक्त तिथि से पहले केंद्र सरकार को अंतरिम रिपोर्ट दे सकता है। आयोग के अन्य सदस्य भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी हिमांशु शेखर दास और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी आलोक प्रभाकर हैं। 3 मई को जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से ही मणिपुर में छिटपुट हिंसा देखी गई है। अधिकारियों ने कहा कि झड़पों में मरने वालों की संख्या 80 से अधिक हो गई है।

विधायक के घर हथियारबंद उग्रवादियों ने की आगजनी

इस बीच, मणिपुर में काकचिंग जिले में कांग्रेस विधायक के रंजीत के आवास में कुकी उग्रवादियों के संदग्धि हथियारबंद लोगों ने आग लगा दी। विधायक के आवास पर हुए हमले के बाद बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाया गया है। सेरो और उसके आसपास के मेतेई गांव पर सशस्त्र कुकी उग्रवादियों द्वारा स्नाइपर और अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग करके लगातार हमला किया गया। गांव अब पूरी तरह से खाली हो चुका है और अधिकांश लोगों ने थौबल जिले और अन्य स्थानों पर शरण ली है।

मणिपुर में मंत्री युमनाम खेमचंद और कुछ अन्य विधायक वहां शांति और सामान्य स्थिति की बहाली करने के लिए शनिवार से वहां डेरा डाले हुए हैं। कांग्रेस विधायक के आवास पर हुए हमले के बाद बड़े स्तर पर तलाशी अभियान भी चलाया गया। 3 मई को चुराचांदपुर जिले में इस संकट की शुरुआत होने के बाद से दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प लगातार चल रहा है जिससे राज्य में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। कुछ जिलों में सुबह 5 बजे से शाम पांच बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जा रही है लेकिन इंटरनेट सेवा 3 मई से ही बंद है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Verified by MonsterInsights