कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनने के विवाद पर हाईकोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा. इससे पहले राज्य सरकार ने सभी स्कूल-कॉलेजों को तीन दिन के लिए कैंपस बंद रखने का आदेश दिया है. कर्नाटक में पिछले एक महीने से लड़कियों के हिजाब पहनकर क्लास में जाने का विरोध हो रहा है.
मंगलवार की सुनवाई में क्या हुआ?
हाईकोर्ट ने मंगलवार को चार छात्राओं की याचिका पर भी सुनवाई की. इस दौरान जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा कि हम कारण और कानून के मुताबिक चलेंगे. हम वही करेंगे जो संविधान कहता है, किसी के जुनून या भावनाओं से नहीं। संविधान हमारे लिए श्रीमद्भगवद्गीता से ऊपर है। उन्होंने आगे कहा कि एक मामले में जो भी फैसला होगा, वह सभी याचिकाओं पर लागू होगा.
न्यायाधीश ने कुरान की एक प्रति का आदेश दिया
कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुरान की आयत 24.31 और आयत 24.33 में सिर पर दुपट्टा या घूंघट पहनना धार्मिक कृत्य है, जिसके बाद जज ने कुरान की कॉपी मांगी.
उडुपी से शुरू हुआ विवाद पूरे कर्नाटक में फैला
1 जनवरी को कर्नाटक के उडुपी में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ, जिसके बाद शिमोगा समेत कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. कांग्रेस ने मांग की है कि जिन स्कूलों में यह विवाद हो रहा है, उन सभी स्कूलों को एक हफ्ते के लिए बंद कर देना चाहिए.
हिजाब विवाद कैसे शुरू हुआ
कर्नाटक के कुंडापुरा कॉलेज की 28 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में जाने से रोक दिया गया. इस मामले को लेकर लड़कियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है, इसलिए उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए. इन लड़कियों ने कॉलेज के गेट के सामने बैठ कर धरना भी शुरू कर दिया था.
हिजाब पहनने वाली लड़कियों के जवाब में, कुछ हिंदू संगठनों ने कॉलेज परिसर में लड़कों को भगवा शॉल पहनने के लिए कहा। वहीं हुबली में श्री राम सेना ने कहा था कि जो लोग बुर्का या हिजाब मांग रहे हैं, वे पाकिस्तान जा सकते हैं. सवाल यह भी उठाया गया कि क्या हिजाब पहनकर भारत को पाकिस्तान या अफगानिस्तान बनाने की कोशिश की जा रही है?