उत्तर प्रदेशराज्य

UP: बरेली के अस्पताल में जन्मा ‘हार्लेक्विन बेबी’, देखकर घबरा गए डॉक्टर और परिजन

बरेली : बरेली में एक दुर्लभ बच्चे का जन्म हुआ जिसकी त्वचा विकार (हार्लेक्विन इक्थियोसिस) से पीड़ित थी. राजेंद्र नगर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बच्ची बीते गुरुवार को पैदा हुई. हालांकि गर्भ में ही उसकी मृत्यु हो गई थी. दूसरी ओर बच्ची को क्या बीमारी थी इस बारे में और जानने के लिए डॉक्टरों की ओर से स्किन बायोप्सी के साथ ही  केरिया टाइमिन टेस्ट के लिए सैंपल जुटा लिए गए हैं.

हार्लेक्विन इक्थियोसिस बेबी

फतेहगंज पश्चिमी के बच्ची के परेंट्स रहने वाले हैं. जब उन्होंने बच्ची के मृत होने के बारे में सुना और उसे देखना चाहा तो उनकी दिन टूट गया. परिवारवालों की माने तो बच्ची का शरीर सफेद और उसकी स्किन जगह जगह से फटी थी. यहां तक की उसकी आंखें पलटी हुई थीं. होंठ पूरी तरह नहीं बने थे और दांत भी निकले हुए थे. डॉक्टर की माने तो ये बच्चे हार्लेक्विन इक्थियोसिस बेबी कहे जाते हैं.

चेहरा डरावना 

बताया जा रहा है कि सात माह ही गर्भ में बच्ची रही. बच्चे के शरीर में जो तेल बनाने वाली ग्रंथियां होती हैं उसके न होने से स्किन फटती है. आंखों की पलकें पलटी हुई थी जिससे बच्ची का चेहरा डरावना लग रहा था. विकार की वजह जानने की डॉक्टरों ने कोशिश शुरू कर दी है और इसके लिए सैंपल भी ले लिया है.

30 लाख जन्में बच्चों में से एक 

एक रिसर्च की माने तो करीब 30 लाख जन्में बच्चों में ऐसा केस आता है जिसमें एक हार्लेक्विन इक्थियोसिस से पीड़ित होता है. पूरी दुनिया में ढाई सौ के करीब मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे बच्चों की दो से चार दिन या फिर कुछ घंटों में ही बाद मृत्यु हो जाती है. कोई कारगर इलाज न होने के कारण ऐसे बच्चों के जीने की संभावना न के बराबर होती है. ऐसे बच्चों के शरीर में प्रोटीन और म्यूकस मेंबरेन के न होने से उनकी स्थिति ऐसा हो जाती है. इनकी त्वचा सख्त, मोटी और सफेद होती है.

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