गुजरात दंगाः एसआईटी की क्लीन चीट के खिलाफ जाकिया जाफरी की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज
वर्ष 2002 में हुए गुजरात दंगों के 20 साल बाद आज का दिन काफी महत्वपूर्ण रहा। दरअसल इस मामले की जांच के लिए गठित किए गए विशेष जांच दल यानी एसआईटी की ओर से तात्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी गई थी। एसआईटी की इस रिपोर्ट के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत में याचिका दाखिल की गई। ये चाचिका जाकिया जाफरी ने दाखिल की थी। जाकिया जाफरी की ओर से SIT की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 24 जून को अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से जाकिया को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि हाई कोर्ट में पहले ही याचिका खारिज हो चुकी थी। जाकिया को शीर्ष अदालत ने उम्मीद थी।
तीन जजों की बेंच सुनाएगी फैसला
एसआईटी की रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल जाकिया जाफरी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की जिस बेंच ने फैसला सुनाया उसमें जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार प्रमुख रूप से शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट में कब दाखिल हुई याचिका?
गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दिए जाने के बाद जाकिर जाफरी ने ये याचिका बीते वर्ष 9 दिसंबर 2021 को दाखिल की थी। इस याचिका पर ताबड़तोड़ सुनवाईयां हुईं। सात महीने में इस याचिका पर फैसला आना है।
कौन है जाकिर जाफरी?
SIT की क्लीन चिट को चुनौती देने वाला जाकिया जाफरी की बात करें तो वो गुजरात दंगों के पीड़ित हैं। दरअसल दंगों में जाकिया जाफरी के पति और तात्कालीन कांग्रेस विधायक एहसान जाफरी को दंगाई भीड़ ने मार डाला था।
गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में एहसान जाफरी मारे गए थे। इसके बाद जाकिया ने गुजरात हाईकोर्ट एसआईटी की रिपोर्ट को चुनौती दी, लेकिन वर्ष 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने SIT की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ जाकिया की शिकायत खारिज कर दी थी।
यही वजह है कि, जाकिया जाफरी ने SIT की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी।
क्या थी एसआईटी की रिपोर्ट?
SIT की रिपोर्ट में प्रदेश के उच्च पदों पर रहे लोगों को क्लीन चिट दी गई थी। प्रदेश के उच्च पदाधिकारियों की ओर से गोधरा ट्रेन अग्निकांड और उसके बाद हुए दंगे भड़काने में किसी भी साजिश को नकार दिया था।