मिर्जापुर। जिस दादा-दादी ने अपने पौत्र को शनिवार की सुबह मांगने पर दूध-भात खिलाया, उसी ने दादा-दादी की हत्या कर दी। इस घटना ने लोगों को झकझोर दिया है। लोगों में इस घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। हत्या का आरोपी किशोर चार दिन से अपने दादा-दादी के साथ रह रहा था। साथ में उसका पिता भी रह रहा था। पिता ने बताया कि सुबह नौ बजे पाही पर थे। उस दौरान नशा न मिलने पर पुत्र की हालत बिगड़ गई। दो-तीन लोगों ने पकड़ा तो उनको झटक दिया। इसके बाद उसे किसी तरह से काबू में किया गया। उसी बीच उसने दूध लेकर जा रहे दूधिया को देखा तो दूध-भात खाने की मांग करने लगा। इस पर दूध खरीदा गया। इसके बाद उसकी दादी ने भात (चावल) बनाया।
उसके बाद उसने दादा-दादी के साथ दूध-भात खाया। फिर शांत होकर पड़ोसी के साथ खेलने लगा। घर पर काम होने के कारण पिता अपनी पत्नी, बड़े पुत्र और बहू को लेकर गांव स्थित घर पर आ गए। वहीं छोटा पुत्र पाही पर ही दादा-दादी के साथ था। अपराह्न करीब तीन बजे उसकी हालत बिगड़ी। वह अपने को पीटने लगा। दादा से गांजा पीने के लिए रुपये मांगने लगा। यह देख उसके साथी ने गांव में आकर जानकारी दी। इस बीच उसने अपने दादा-दादी की हत्या कर दी। गांव में इस बात की चर्चा है कि उसने अपने उस दादा-दादी की हत्या कर दी, जिन्होंने उसे दूध-भात खिलाया।
नशे के कारण पौत्र ने दादा-दादी पर हमला कर उनकी हत्या कर दी। आरोपी किशोर के पिता ने बताया कि दो माह से सबसे छोटे पुत्र को गांजा पीने की लत लग गई थी। नशा न मिलने पर उसकी हालत बिगड़ जाती थी। इससे वह उल्टी-सीधी हरकत करने लगता था। उसको लेकर चार दिन से उसके दादा-दादी के पास पाही पर रह रहे थे। सीओ ऑपरेशन महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि गांजे के लिए रुपये नहीं देने पर किशोर पौत्र ने दादा-दादी की हत्या कर दी है।
दादा- दादी की हत्या के बाद खुद को घायल कर लेने वाले किशोर को इलाज के लिए सीएचसी ले गए पिता ने कहा कि स्कूल छोड़ने के बाद अगर पुत्र को अपने साथ काम पर रखते तो वह नशे का आदी न होता और फिर यह दिन देखने को नहीं मिलता। आरोपी किशोर के पिता ने बताया कि उनसे दो पुत्रियां और दो पुत्र हैं। दो पुत्रियों और एक पुत्र की शादी हो गई है। आरोपी पुत्र सबसे छोटा था। कक्षा चार तक पढ़ने स्कूल जाने के बाद पांच साल पहले पढ़ाई छोड़कर मेहनत मजदूरी करने लगा। इसी बीच वह नशे का आदी हो गया। नशा न मिलने पर उसकी मानसिक हालत बिगड़ जाती थी। पिछले चार दिन से नशा न मिलने पर उसका शरीर ऐंठने लगता था।