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LIC IPO के लिए SEBI के पास जल्द दस्तावेज जमा करेगी सरकार, शेयर बिक्री पर फैसला संभव

एलआईसी आईपीओ (LIC IPO) की घोषणा के साथ ही इसे लेकर चर्चाओं का माहौल तेज है. प्राइस बैंड, पॉलिसी होल्डर्स और रिटेल निवेशकों के लिए छूट जैसे सवालों पर लगातार चर्चाएं की जा रही है. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बाजार में आई अस्थिरता के कारण फिलहाल सरकार ने आईपीओ को लेकर कोई निश्चित तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इसे लाया जा सकता है.

रिटेल निवेशकों के साथ-साथ पॉलिसी होल्डर्स के मन में भी इस आईपीओ को लेकर कई तरह के सवाल उत्पन्न हो रहे हैं. हालांकि, दूसरी ओर आईपीओ को लेकर लोगों के मन में उत्सुकता भी काफी अधिक है. आईपीओ में एलआईसी पॉलिसी होल्डर्स के लिए 10 फीसदी शेयर रिजर्व रखे जाएंगे लेकिन यहां निवेशक को ध्यान रखना होगा कि उनके पास डीमैट अकाउंट जरूर हो.

SEBI को सरकार जल्द सौंपेगी पेपर, जानें सभी जरूरी अपडेट्स

-आईपीओ को लेकर सरकार की तरफ से बहुत जल्द मार्केट रेग्युलेटर सेबी के सामने फाइनल पेपर जमा किया जा सकता है. पीटीआई के मुताबिक इन दस्तावेजों में मूल्य दायरा, पॉलिसीधारकों और खुदरा खरीदारों के लिए छूट तथा शेयरों की वास्तविक संख्या का विवरण होगा.

-इस मामले पर एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि दस्तावेजों के मसौदे (डीआरएचपी) को सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) ने मंजूरी दे दी है, अब अगला कदम विवरण पुस्तिका (रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस या आरएचपी) दाखिल करना होगा जिसमें मूल्य दायरा, शेयरों की वास्तविक संख्या का विवरण होगा. अभी हम हालात पर नजर रख रहे हैं, शेयर बिक्री के समय के बारे में जल्द फैसला लिया जाएगा.

-एलआईसी द्वारा 13 फरवरी, 2022 को दाखिल दस्तावेजों के मसौदे (डीआरएचपी) को सेबी ने मंजूरी दे दी है. इससे शेयर बिक्री का रास्ता साफ हो गया है.

-इससे सरकार को चालू वित्त वर्ष के अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिलेगी.

डीआरएचपी के अनुसार, आईपीओ के तहत सरकार एलआईसी के 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर या कंपनी में अपनी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी. मार्च में अगर यह बिक्री नहीं होती है तो सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए अपने संशोधित विनिवेश लक्ष्य से पीछे रह जाएगी.

-मसौदा दस्तावेजों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकन कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स द्वारा एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकाला गया है. 30 सितंबर, 2021 तक कंपनी का अंतर्निहित मूल्य 5.4 लाख करोड़ रुपये था. अंतर्निहित मूल्य बीमा कंपनी में शेयरधारकों के एकीकृत मूल्य के आधार पर निकाला गया है.

-डीआरएचपी में एलआईसी के बाजार मूल्यांकन का खुलासा नहीं किया गया है. हालांकि, उद्योग के मानकों के अनुसार यह अंतनिर्हित मूल्य का करीब तीन गुना या 16 लाख करोड़ रुपये होगा.

-एलआईसी में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी या 632.49 करोड़ से अधिक शेयर हैं। इन शेयरों का अंकित मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर है.

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