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लेजीपे समेत इन ऐप्स से सरकार ने हटाया बैन, जानिए क्या है कारण

नई दिल्ली। सरकार लेजी-पे जैसी फिनटेक कंपनियों और इनके इन्सटॉलमेंट स्ट्रक्चर पर लगाए गए प्रतिबंध को इन कंपनियों की ओर से अपील करने के बाद हटा लेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सरकार ने पिछले हफ्ते सट्टेबाजी, जुआ और अनधिकृत लोन देने के काम में शामिल होने के लिए कुछ चीनी कंपनियों सहित विदेशी संस्थाओं द्वारा संचालित 232 ऐप को ब्लॉक करने का आदेश दिया था।

इन कंपनियों द्वारा फिर से प्रार्थना दिए जाने के बाद सरकार लेजीपे और किश्त डॉट कॉम पर प्रतिबंध हटा देग। जो प्रतिबंधित वेबसाइटों और ऐप्स की सूची में थे।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने शनिवार को गृह मंत्रालय के एक नोडल अधिकारी द्वारा जारी किए गए एक आपातकालीन अनुरोध के आधार पर 138 सट्टेबाजी और जुआ वेबसाइटों और 94 ऋण ऐप के खिलाफ ब्लॉकिंग आदेश जारी किए। ये अवैध रूप से मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त थे।

देश की वित्तीय सुरक्षा के लिए खतरा

सरकार ने इन सस्थाओं को देश की वित्तीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए फिनटेक फर्म लेजीपे, इंडियाबुल्स होम लोन जैसी सस्थाओं को बैन कर दिया था। सूची के अनुसार, MeitY ने Lazypay.in को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए, जो डच निवेश फर्म Prosus की सहायक कंपनी है।

ये वेबसाइट हुई बैन

वेबसाइट www.indiabullshomeloans.com का संचालन हाउसिंग फाइनेंस कंपनी इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड द्वारा किया जाता है, जबकि Kissht.com का संचालन आरबीआई द्वारा पंजीकृत एनबीएफसी ONEMi टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जाता है।

ब्लॉक की गई सूची में शामिल अन्य वेबसाइटों में buddyloan.com, Cashtm.in, kreditbee.en.aptoide.com, Faircent.com, true-balance.en.uptodown.com और mpokket.en.aptoide.com  शामिल हैं।

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