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लावारिस शव को बनाया गर्लफ्रेंड का ‘पति’…चौथी शादी और पैसे के लिए 50 साल के वकील का फिल्मी प्लान

एक वकील ने अपनी चौथी शादी (Fake Marriage) के लिए एक नया हथकंडा अपनाया है। उसने फिल्मी सीरियल किलर स्टोरी से इंस्पायर होकर एक लावारिस लाश को अपनी महबूबा का पति बनाया। पहले एक फर्जी मृतक आदमी (Lost and Found) से अपनी महबूबा की शादी करवाई और फिर एक अज्ञात शव को क्लेम कर उसका पति बताया। वकील की इससे पहले तीन शादियां हो चुकी हैं। ये तीनों शादियां उसने पैसे के लिए की थीं। मामला तब बिगड़ गया जब वकील ने अज्ञात शव को अपनी माशूका का पति ( Love Story) साबित करने के लिये। शव का फर्जी आधार कार्ड बनाया। इसके बाद शव को लेने के लिये जाने वाले व्यक्तियों के भी फर्जी आधार कार्ड बनवाए और फिर पुलिस के पास भेजा।

तीन फर्जी आधार कार्ड बनवाए

शव को अपने कब्जे में लेकर उसने अज्ञात शव का अंतिम संस्कार भी करवा दिया। वकील का प्लान तब फेल हुआ जब मृतक के असली परिजनों को इस बारे में पता चला। आरोपी वकील 50 साल के हेतराम मित्तल ने अपनी 22 साल की प्रोमिका से शादी के लिये 3 मुस्लिम युवकों के हिन्दू नाम से आधार कार्ड बनवाए थे।

हाईकोर्ट में किया सबको पेश

फुरकान को अतुल बनाकर फर्जी आधार कार्ड बनाकर हाईकोर्ट में पेश कर करवाया गया। फिर अतुल को मृत दिखाने के लिये अज्ञात शव को अतुल साबित किया और उसका फर्जी आधार कार्ड पुलिस के सामने किया पेश। शव को अपने कब्जे में लेने के लिये फारुख और तस्लीम को दीनदयाल और अभि कुमार बना कर भेजा। आरोपी वकील काफी तगड़ा मास्टरमाइडं था। पहले माशूका की फर्जी शादी करा कर वो उसके पति को मृत दिखाकर माशूका की मां का भरोसा जीतना चाहता था।

यमुना किनारे करवाया अंतिम संस्कार

पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता वकील उसकी प्रेमिका मुस्कान समेत पांच लोगों को इस मामले में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। इस मामले की शुरुआत दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग मिली पर एक लावारिस लाश से हुई। साल2024, 2 जनवरी को एक लावारिस लाश पुलिस को मिली थी। 4 जनवरी को वकील हेतराम मित्तल दो अन्य साथियों के साथ शव की शिनाख्त के लिए पहुंचे। इसके बाद यमुना नदी के किनारे जाकर शव का अंतिम संस्कार करवाया गया।

अज्ञात आदमी की रेल की पटरी से कटकर हुई थी मौत

आदमी की मौत रेलगाड़ी से कटकर हुई थी। पुलिस सकते में थई कि आखिरकार अनजान शव को कोई अपना बताकर के क्यों लेकर के चला गया। पुलिस ने भेजी गई एप्लीकेशन आधार पर अनजान शव को ले जाने वाले दीनदयाल और अभि कुमार की तलाश शुरू की लेकिन उनका कोई पता नहीं चल सका।जो मोबाइल नंबर शव की पहचान के वक्त बताए गए वह मोबाइल नंबर भी पुलिस को जांच पड़ताल में बंद मिले। जब अनजान शव की पहचान करने वाले नही मिले तो पुलिस ने 14 जनवरी को फ्रेंड्स कॉलोनी में धारा 34/ 193/ 419 /468/ 471 अनजान लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया।

पहले से थी तीन पत्नियां

पुलिस टीम को सीसीटीवी कैमरे की चेकिंग, इलेक्ट्रॉनिक एवं मैनुअल साक्ष्यों के आधार पर वकील हेतराम मित्तल नाम सामने आया। पुलिस ने 50 वर्षीय वकील हेतराम मित्तल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस से पूछताछ में हेतराम बताया कि वह अपनी पत्नी से परेशान था और मुस्कान से शादी करना चाहता था। करीब चार-पांच वर्ष पूर्व वह मुस्कान के संपर्क में आया था। मुस्कान कोष्ठा के पिता के द्वारा हेतराम मित्तल के विरुद्ध उसकी पुत्री को बहला फुसला कर भाग ले जाने के संबंध में थाना कोतवाली में साल 2022 में धारा 363,366,506 दर्ज कराया। जिससे बचने के लिए उसने मुस्कान कोष्ठा की शादी अतुल कुमार पुत्र दीनदयाल निवासी 512 आवास विकास कॉलोनी आजमगढ़ से रचा दी।दोनों ने योजना बनाकर अनजान शव को अतुल कुमार के रूप में पहचान करते हुए उसका अंतिम संस्कार कराया।

पत्नी ने किए अहम खुलासे

हेतराम मित्तल की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी शिखा अग्रवाल ने बड़ा ही अचरज भरा खुलासा यह कहकर किया कि हेतराम मित्तल मूलरूप से हरियाणा के जींद का रहने वाला है। उसने मैट्रिमोनी ऐप के जरिए साल 2009 में शादी की। बाद में महिला को पता चला कि हेतराम पहले से ही शादीशुदा है। तीसरी शादी बुलंदशहर में की है और चौथी शादी मुस्कान कोष्ठा के साथ में करने की तैयारी में था। हेतराम अपनी बीबी को भी खासा परेशान किए हुए था लेकिन अकेली होने के कारण उसने पुलिस में कभी कोई शिकायत भी दर्ज नहीं कराई है। हेतराम की पत्नी शिखा अग्रवाल ऐसा बताती है कि उसका एक बेटा है, साथ ही हेतराम कोई काम भी नही करता था। उसके ही खाते से पैसे निकाल करके हेतराम खर्च किया करता था। साल 2018 में वकील हेतराम ने वकालत की डिग्री हासिल करके इटावा जिला बार एसोसिएशन में अपना नाम रजिस्टर भी करवा लिया था।

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