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प्रेमी की हत्या से टूट गई प्रेमिका, पेड़ पर फंदा लगाकर कर ली आत्महत्या

बलरामपुर। तुलसीपुर थाना क्षेत्र के देवीपाटन गांव में शनिवार रात जन्माष्टमी के कार्यक्रम में गए युवक की आम के बाग में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसके परिजनों ने हत्या का आरोप लगाकर पुलिस से जांच व कार्रवाई की मांग की।

इसी बीच रविवार सुबह युवक की प्रेमिका का शव उसी बाग में फांसी के फंदे पर लटका मिला। पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। घटना को लेकर गांव में ऑनर किलिंग की चर्चा है मगर पुलिस दोनों की मौत को आत्महत्या बता रही है। पुलिस ने तहरीर व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर छानबीन व कार्रवाई की बात कही है।

तुलसीपुर नगर से सटे देवीपाटन गांव में ही शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर है। देवीपाटन गांव में शनिवार रात जन्माष्टमी की पूजा के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। गांव के ही रहने वाले झगरू का पुत्र गोरखनाथ (21) जन्माष्टमी कार्यक्रम देखने घर से निकला था।

गोरखनाथ की बहन संजू देवी के मुताबिक रात करीब 10 बजे गांव की ही ऊषा देवी (20) कार्यक्रम स्थल पर दौड़ती हुई पहुंची और लोगों को बताया कि कुछ दूरी पर स्थित नई देवी माता के मंदिर के सामने आम के बाग में कुछ लोग गोरखनाथ को बुरी तरह से पीट रहे हैं। उसने लोगों से गोरखनाथ की जान बचाने की गुहार लगाई।

इस पर झगरू गांव के कई लोगों संग आम के बाग में पहुंचा तो गोरखनाथ अचेत अवस्था में पड़ा था। ग्रामीणों की मदद से गोरखनाथ को घर लाया जा रहा था मगर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। संजू देवी ने भाई की हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस से जांच व कार्रवाई की मांग की है।

आम के जिस बाग में गोरखनाथ अचेत पड़ा मिला था, उसी बाग में रविवार सुबह ऊषा (20) का शव दुपट्टे से बंधे फांसी के फंदे पर लटका मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव फंदे से उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। गोरखनाथ व ऊषा की मौत को लेकर गांव में ऑनर किलिंग की चर्चा है। हालांकि पुलिस दोनों की मौत को आत्महत्या बता रही है।

तुलसीपुर इंस्पेक्टर प्रभाकर सिंह ने बताया कि गोरखनाथ व ऊषा देवी की मौत का मामला संदिग्ध है। दोनों ने आम के बाग में फांसी लगाकर जान दी है। इस प्रकरण में अभी तक दोनों परिवारों की तरफ से कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर व पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

गोरखनाथ की ऊषा से नजदीकी थी। इसे लेकर ऊषा के घरवाले नाराज थे। दोनों परिवारों में तनातनी भी थी। इसी के चलते कुछ समय पहले झगरू ने गोरखनाथ को रोजगार के लिए बाहर भेज दिया था। 10 दिन पहले वह जन्माष्टमी मनाने घर आया था। संजू का आरोप है कि शनिवार रात मौका पाकर विपक्षियों ने उसके भाई को मार डाला।

संजू के मुताबिक गोरखनाथ के गले में एक तरफ लाल निशान था। मौके पर एक लाठी पड़ी मिली थी। इसी लाठी को गोरखनाथ के गले पर रख दबाकर उसे मार डाला गया। गांव के लोग भी दबी जुबान में गोरखनाथ व ऊषा देवी की हत्या की आशंका जता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों परिवारों के बीच कुछ समय पहले विवाद हो चुका है।

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