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मेरठ से प्रयागराज को जोड़ेगा गंगा एकसप्रेसवे, पीएम नरेन्द्र मोदी आज शाहजहांपुर में करेंगे शिलान्यास

शाहजहांपुर: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज शाहजहांपुर (Shahjahanpur) में गंगा एक्सप्रेस-वे (Ganga Expressway) का शिलान्यास करेंगे. इसकी पूरी तैयारियां हो गई हैं. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. प्रधानमंत्री रोजा रेलवे ग्राउंड में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे. पीएम के मंच के पीछे रेत का एक मॉडल भी बनाया गया है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि यह एक्सप्रेस-वे कैसे 12 जिलों को जोड़ेगा.

गौरतलब है कि योगी सरकार ने पिछले साल 26 नवंबर को गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की स्वीकृति दी थी. 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे 36,230 करोड़ रुपये की लागत से बना है. मेरठ से लेकर प्रयागराज तक प्रस्तावित इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण अडानी इंटरप्राइजेज और आइआरबी इन्फ्राट्रक्चर डेवलपर्स करेंगे. बिडिंग प्रक्रिया के जरिये चयनित हुईं इन कंपनियों पर गुरुवार को कैबिनेट बैठक में हरी झंडी भी मिल गई है.

गंगा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आधे से अधिक एक्सप्रेस-वे पश्चिमी यूपी के जिलों से होकर गुजर रहा है. यह एक्सप्रेस-वे यूपी के 12 जिलों से गुजरेगा, जिनमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं , शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और रायबरेली शामिल है. इसके अलावा यह एक्सप्रेस-वे 519 गांवों को भी कनेक्ट करेगा. बता दें कि यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन का होगा, लेकिन इसे बढ़ाकर 8 तक किया जा सकता है.

यूपी के मेरठ जिले से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस-वे देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा. इस पर वायुसेना के विमानों की आपातकालीन टेक-ऑफ और लैंडिंग में सहायता के लिए साढ़े तीन किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई जाएगी, जो कि शाहजहांपुर में बनाई जानी है. पर्यावरण संरक्षण के लिए एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 18.55 लाख पौधे लगाए जाएंगे. बताया जा रहा है कि एक्सप्रेस-वे के किनारे 9 जन सुविधा परिसर का भी निर्माण कराया जाएगा. इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे पर 14 बड़े पुल, 126 छोटे पुल, 929 पुलिया, 7 आरओबी, 28 फ्लाईओवर और 8 डायमंड इंटरचेंज बनेंगे.

गंगा एक्सप्रेस वे से सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा. इसके अलावा विभिन्न उत्पादन ईकाईयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा. एक्सप्रेस वे खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों, भंडार गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा.

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