जी कृष्णैया की पत्नी उमा ने आनंद मोहन की रिहाई को SC में दी चुनौती, दोबारा जेल भेजने की मांग
बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उमा ने सुप्रीम कोर्ट में आनंद मोहन की समय पूर्व रिहाई के फैसले को चुनौती दी है। गौरतलब है कि बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के जुर्म में जेल की सजा काट रहे थे। बीते दिनों बिहार सरकार द्वारा जेल मैनुअल में बदलाव के बाद 15 साल बाद आनंद मोहन जेल से बाहर आए हैं।
यह दलील दी
जी. कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने याचिका में दलील दी है कि गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को सुनाई गई उम्रकैद की सजा उनके पूरे जीवनकाल के लिए है। इसकी व्याख्या महज 14 वर्ष की कैद की सजा के रूप में नहीं जा सकती। उन्होंने उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा कि जब मृत्यु दंड की जगह उम्रकैद की सजा सुनाई जाती है, तब उसका सख्ती से पालन करना होता है, जैसा कि न्यायालय का निर्देश है और इसमें कटौती नहीं की जा सकती।
आनंद मोहन का नाम उन 20 कैदियों में शामिल है, जिन्हें जेल से रिहा करने के लिए राज्य के कानून विभाग ने इस हफ्ते की शुरूआत में एक अधिसूचना जारी की थी क्योंकि वे जेल में 14 वर्षों से अधिक समय बिता चुके हैं। बिहार जेल नियमावली में राज्य की महागठबंधन सरकार द्वारा 10 अप्रैल को संशोधन किये जाने के बाद सजा घटा दी गई, जबकि ड्यूटी पर मौजूद लोकसेवक की हत्या में संलिप्त दोषियों की समय पूर्व रिहाई पर पहले पाबंदी थी।
बता दें कि आनंद मोहन की जेल से रिहाई के बाद उमा कृष्णैया ने इसको लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि एक ईमानदार अधिकारी की हत्या करने वाला शख्स जेल से बाहर आ गया। उनकी बेटी ने भी इस पर आपत्ति जताई थी। वहीं, सियासी हलकों में भी आनंद मोहन की रिहाई का खूब विरोध हुआ है। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना के रहने वाले जी. कृष्णैया की 1994 में एक भीड़ ने उस वक्त पीट-पीटकर हत्या कर दी, जब उनके वाहन ने मुजफ्फरपुर जिले में गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा से आगे निकलने की कोशिश की थी। तत्कालीन विधायक आनंद मोहन शवयात्रा में शामिल थे।