अंतर्राष्ट्रीय

नीदरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री ड्राइस वेन एग्त और उनकी पत्नी यूजीन ने एक साथ मौत को लगाया गले, बड़ी दिलचस्प है इनकी कहानी

एम्स्टर्डम। आज 14 फरवरी है, यानी वैलेंटाइन डे का दिन है। इन दिन पूरी दुनिया के प्रेमी-प्रेमिका अपने प्यार का इजहार कर रहे हैं। इस बीच नीदरलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री ड्राइस वैन एग्ट और उनकी पत्नी यूजीन ने एक साथ दम तोड़ दिया। दोनों 93 साल के थे। दोनों पति-पत्नी की ‘हाथ में हाथ डालकर’ कानूनी इच्छामृत्यु से मौत हो गई है। बता दें कि दोनों ने 5 फरवरी को कानूनी तौर पर इच्छा मृत्यु (एक्टिव यूथेनेसिया) चुनी थी।

एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, एग्ट और उनकी पत्नी दोनों मरने से पहले कुछ समय से बिगड़ते स्वास्थ्य से परेशान थे, लेकिन दोनों की मौत से 70 सालों के साथ का अंत हो गया। प्रेस रिलीज में आगे कहा गया है, “एग्ट अपनी प्यारी पत्नी यूजिनी के साथ और हाथों में हाथ डालकर मरे, जिनके साथ वह सत्तर साल से अधिक समय तक साथ रहे। अपनी पत्नी को वह हमेशा ‘माय गर्ल’ कह कर बुलाते थे।”

एग्ट को साल 2019 में ब्रेन हैमरेज हो गया था

ड्राइस वैन एग्ट 1977 और 1982 के बीच नीदरलैंड के प्रधानमंत्री थे। वह नीदरलैंड की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक अपील पार्टी के पहले नेता थे। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, एग्ट को साल 2019 में ब्रेन हैमरेज हो गया था। इसके बाद वह कभी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए। दोनों पति-पत्नी बीमार थे, दोनों का चलना फ‍िरना भी मुश्क‍िल हो गया था। दोनों एक दूसरे के बगैर नहीं रह सकते थे। इसील‍िए दोनों ने एक साथ इच्‍छा मृत्‍यु को चुना।

एक हजार लोग मौत के लिए इच्छा मृत्यु चुन रहे

रिपोर्ट के मुताबिक एग्ट और उनकी पत्नी यूजीन को आसपास की कब्रों में दफनाया गया। बता दें कि नीदरलैंड में डुओ यूथेनेसिया या इंजेक्शन देकर इच्छा मृत्यु का चलन बढ़ रहा है। नीदरलैंड में हर साल लगभग 1,000 लोग मौत के लिए इच्छा मृत्यु चुनते हैं। वहीं, अकेले साल 2022 में 29 जोड़ों ने इच्‍छा मृत्‍यु का विकल्प चुना।

साल 2000 में यूथेनेसिया को कानूनी मान्यता मिली

नीदरलैंड में साल 2000 में यूथेनेसिया को कानूनी मान्यता मिली थी। इस कानून के तहत पीड़ित व्यक्ति छह स्थितियों में इच्छा मृत्यु मांग सकता है। वो लोग इच्छामृत्यु मांग सकते हैं जो “ऐसी बीमारी से पीड़ित हों, जिसमें असहनीय पीड़ा हो, जो लाइलाइज हो या उसकी सेहत में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची हो।”

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