पूर्व मंत्री मो. आजम खान को फिर झटका, जमानत अर्जी एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट से भी खारिज
सरकारी लैटर पैड एवं मोहर का गलत इस्तेमाल करने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी को एमपी/ एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने खारिज कर दिया। अदालत के समक्ष जमानत अर्जी का विशेषता रमेश चंद्र शुक्ला एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्वाला प्रसाद ने विरोध करते हुए कहा कि आजम खान के खिलाफ इस मामले की रिपोर्ट हजरतगंज थाने में एक फरवरी 2019 को अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी।
जिसमें कहा गया कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। अपनी शिकायत सदस्य राज्य अल्पसंख्यक आयोग को भेज कर आरोप लगाया है कि आजम खान सरकारी लैटर हेड एवं सरकारी मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जावाद नकवी को बदनाम कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहे हैं।
अदालत ने अपने विस्तृत आदेश में कहा है कि इस मामले में अभियुक्त द्वारा लिखित रूप से शिया धर्मगुरु के विरुद्ध अपमानजनक वक्तव्य जारी करते हुए दो वर्गों के मध्य घृणा व कटुता पैदा करने के आशय से उन्हें प्रकाशित व प्रसारित कराया है। जिससे अभियुक्त का दुराशय प्रदर्शित हो रहा है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि यह प्रकरण मुस्लिम समुदाय के दो वर्गों के मध्य घृणा व विद्वैष फैलाने तथा समाज पर गंभीर व व्यापक प्रभाव डालने वाला परिलक्षित होता है। अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा कारित अपराध की प्रकृति व गंभीरता तथा उससे समाज में पड़ने वाले दुष्प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए जमानत का पर्याप्त आधार नहीं पाया जाता है।