ग्रेटर नोएडादिल्ली/एनसीआरनोएडा

13 फरवरी को फिर दिल्ली कूच के लिए निकलेंगे किसान, बैठक में नहीं निकला कोई हल

नोएडा। किसानों की मांगों को लेकर बृहस्पतिवार को तीन किसान संगठनों के बैनर तले किसानों ने नोएडा ग्रेटर-नोएडा एक्सप्रेस-वे और लिंक रोड पर आठ घंटे तक कब्जा रखा। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए नोएडा दिल्ली को जोड़ने वाले सभी बॉर्डर पर बुधवार रात ही बैरिकेडिंग कर दी गई। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर-18 फ्लाईओवर तक तीन बार पुलिस प्रशासन ने वार्ता की।

जाम में फंसे रहे दिल्ली जाने वाले

चिल्ला बॉर्डर से करीब तीन किलोमीटर पहले ही उनको बैरीकेड लगाकर रोक लिया गया। इस दौरान किसानों ने खूब प्रयास किया, लेकिन उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया गया। सुबह करीब साढ़े दस बजे से नोएडा दिल्ली लिंक रोड बंद होने के कारण नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे, डीएनडी और कालिंदी कुंज से दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहनों को भारी जाम का सामना करना पड़ा।

देर शाम करीब साढ़े छह बजे उच्चस्तरीय कमेटी बनाने और एक सप्ताह में प्राधिकरण व प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ वार्ता कराने के पुलिस कमिश्नर के आश्वासन के बाद किसानों ने प्रशासन को सात दिन का समय दिया और सड़क खाली की। हालांकि, किसान नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी सेक्टर-24 पर धरना जारी रखेंगे।

ग्रेटर नोएडा से चले किसानों को रोका

सुबह करीब 10 बजे ग्रेटर नोएडा से चले किसानों को वहीं रोक दिया गया। बादलरपुर गांव के किसानों को हिरासत में लेकर अंबेडकर पार्क में भेजा गया। करीब साढ़े 12 बजे एनटीपीसी पर धरनारत किसानों को बैरिकेड कर वहीं रोक दिया गया। किसान बार बार वहां से बढ़ने का प्रयास करते रहे, लेकिन आगे नहीं बढ़ सके। दोपहर करीब डेढ़ बजे ग्रेटर नोएडा की ओर से ट्रैक्टर ट्राली और नोएडा से चले किसान एक्सप्रेस-वे पर पहुंच गए।

वहां सेक्टर-94 कट के पास किसानों को रोक दिया गया। यहां ट्रक और बैरिकेडिंग लगा दी गई। इसके पीछे किसानों ने अपने ट्रैक्टर खड़े किए और पैदल ही महामाया फ्लाईओवर के नीचे बैठ गए। करीब आधा घंटा यहां पुलिस प्रशासन के साथ वार्ता की गई। किसान अपनी मांग और दिल्ली कूच के वादे से नहीं हटे। करीब दो से ढाई बजे के बीच यहां से किसानों ने पैदल मार्च किया और वो सेक्टर-18 फ्लाईओवर के पास बैठ गए।

यहां पुलिस ने पांच स्तरीय बैरिकेडिंग की थी। यहां बैठने के बाद किसानों ने वार्ता की। जिसके बाद किसान नोएडा से ग्रेटर नोएडा जाने वाली सड़क पर गए और वहां से आगे बढ़े। कुछ महिला किसानों ने बैरिकेडिंग को तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद किसान करीब 100 मीटर आगे गए और सड़क पर बैठ गए।

उच्चस्तरीय कमिटी गठन का मिला आश्वासन

किसान संगठन अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस कमिश्नर की तरफ से आश्वासन मिला है। एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जा रहा है। कमेटी में औद्योगिक मंत्री, आईडीसी चेयरमैन मनोज सिंह, एसीएस एसपी गोयल, तीनों प्राधिकरण के सीईओ, पुलिस आयुक्त और जिले के जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे। एनटीपीसी के लिए किसानों के साथ पावर सेक्रेट्री और सीएमडी बैठक करेंगे।

किसानों को किया गया हाउस अरेस्ट

दिल्ली कूच करने वाले किसानों को रात से घरों में हाउस अरेस्ट कर दिया गया। ग्रेटर नोएडा में सबसे ज्यादा किसानों को हाउस अरेस्ट किया गया। इस दौरान उनके मोबाइल फोन तक बंद रहे। इससे वे इस आंदोलन में नहीं आ सके। ट्रैक्टर-ट्राली और पैदल ही दिल्ली की तरफ बढ़ रहे 200 किसानों को हिरासत में लिया गया है। वहीं पुलिस ने बुजुर्ग महिलाओं को बसों में बैठाया।

नोएडा प्राधिकरण पर बैठे किसानों की मांग

  • 1997 के बाद के सभी किसानों को बढ़ी दर से मुआवजा दें। चाहे वह कोर्ट गए हो या नहीं गए हो।
  • किसानों को उनकी जमीन का 10 प्रतिशत प्लाट आबादी में दिया जाए।
  • रेगुलेशन की 450 वर्गमीटर सीमा को बढ़ाकर 1000 प्रति वर्गमीटर किया जाए।
  • मकानों की ऊंचाई को बढ़ाए जाने की अनुमति दी जाए।
  • 5 प्रतिशत प्लाट पर व्यवसायिक गतिविधियां चलने की अनुमति दी जाए।
  • गांवों में पुस्तकालय बनाए जाए।

एनटीपीसी से 24 गांवों के किसानों की मांगें

  • एक समान दर से मुआवजा दिया जाए।
  • बच्चों के लिए स्कूल और एनटीपीसी में नौकरी दी जाए।
  • एनटीपीसी से प्रभावित सभी किसानों को उनकी जमीन का 10 प्रतिशत प्लाट आबादी में दी जाए।
  • एनटीपीसी दादरी के 5 किमी के दायरे में रहने वाले भूविस्थापित को फ्री में बिजली दी जाए।
  • 200 बेड का अस्पताल बनाया जाए। दादरी में 4 डिग्री कॉलेज खुलवाया जाए।

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