लगातार तीसरे महीने निर्यात घटा, 17.43 अरब डालर रहा फरवरी में देश का व्यापार घाटा
निर्यात में लगातार गिरावट का दौर जारी है। दिसंबर-जनवरी के बाद फरवरी में एक बार फिर निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान मर्चेंडाइज निर्यात में 8.8 फीसदी की गिरावट आई है। फरवरी 2022 के 37.15 अरब डॉलर के मुकाबले 2023 में निर्यात 33.8 अरब डॉलर रहा है। निर्यात में लगातार तीसरे महीने की गिरावट है। हालांकि फरवरी में आयात में भी गिरावट दर्ज की गई है। इसकी वजह से व्यापार घाटे में कमी आई है। फरवरी में व्यापार घाटा 17.43 अरब डॉलर रहा है।
आयात में गिरावट
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी में आयात 8.21 प्रतिशत घटकर 51.31 अरब डॉलर रह गया। जो कि पिछले साल इसी महीने में 55.9 अरब डॉलर था। वहीं निर्यात भी 33.8 अरब डॉलर पर रहा है। इसकी वजह से फरवरी में व्यापार घाटा घटकर 17.43 अरब डॉलर पर आ गया है। वहीं अगर वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी के दौरान कुल निर्यात को देखा जाय तो उसमें बढ़ोतरी हुई है। निर्यात 7.5 फीसदी बढ़कर 405.94 अरब डॉलर रहा। इसी तरह आयात भी 18.82 फीसदी बढ़कर 653.47 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
जनवरी के मुकाबले बेहतर निर्यात
वहीं अगर निर्यात की तुलना महीने के आधार पर जनवरी से की जाय तो फरवरी में उसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जनवरी में कुल 32.91 अरब डॉलर का निर्यात रहा था। जबकि फरवरी में यह 33.8 अरब डॉलर रहा है। इस बीच सरकार को उम्मीद है कि वह चालू वित्त वर्ष में सेवा क्षेत्र निर्यात में 300 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर लिया जाय। सरकार को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में सेवाओं के मामले मेंनिर्यात में कम से कम 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।
आंकड़ों पर वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अभी तक के रुझानों को देखते हुए भारत का निर्यात 2022-23 में 750 अरब डॉलर ((गुड्स और सर्विस मिलाकर) ) को पार कर जाएगा।बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमने विपरीत वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद गति बनाए रखी है। निर्यातकों ने गति बनाए रखी है। सेवा निर्यात का प्रदर्शन बहुत अच्छा है। व्यापार घाटा वास्तव में कम हुआ है। उम्मीद है कि हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे।उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अगले वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य तय करने की कवायद शुरू कर दी है। चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों के दौरान निर्यात के लिहाज से नकारात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में इंजीनियरिंग सामान, रत्न और आभूषण, सूती धागे/ कपड़े और प्लास्टिक शामिल हैं।