अंतर्राष्ट्रीय

यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बंद, सामने आई यह बड़ी वजह

रूस और यूक्रेन के बीच 7 महीनों से जंग जारी है। इसी बीच यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा ऑपरेटर ने कहा कि यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र के आखिरी रिएक्टर को बंद कर दिया गया है। संयंत्र को बिजली ग्रिड से फिर से जोड़ने के बाद बंद कर दिया गया। छह रिएक्टर वाले जापोरिज्जिया संयंत्र को इलाके में लड़ाई के कारण उसकी सभी बिजली लाइन काटने के बाद पिछले सप्ताह ग्रिड से हटा दिया गया था। यह संयंत्र कई दिनों से ‘आइलैंड मोड‘ पर काम कर रहा था और अपने एकमात्र चालू रिएक्टर से अहम कूलिंग उपकरणों के लिए बिजली पैदा कर रहा था।

देर रात बहाल की गई  एक पावर लाइन 

‘आइलैंड मोड‘ का मतलब ऐसे संयंत्र से होता है जो अन्य ऊर्जा संयंत्रों से नहीं जुड़ा होता। एनर्गोटम कंपनी ने कहा कि एक पावर लाइन शनिवार देर रात बहाल की गई, जिससे संयंत्र के संचालकों ने अंतिम रिएक्टर को भी बंद कर दिया। कंपनी ने कहा कि यह खतरा अब भी बना हुआ है कि बाहर बिजली फिर से काटी जा सकती है और ऐसी स्थिति में संयंत्र को रिएक्टरों को ठंडा रखने तथा परमाणु रिएक्टर को अत्यधिक गर्म होने से बचाने के लिए आपात डीजल जेनरेटर चलाने होंगे।

10 दिनों के लिए बचा डीजल!

कंपनी के प्रमुख ने बताया था कि संयंत्र के पास महज 10 दिनों के लिए डीजल बचा है। दुनिया में 10 सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा केंद्रों में से एक इस संयंत्र पर युद्ध की शुरुआत से ही रूसी सेना ने कब्जा कर रखा है। यूक्रेन और रूस संयंत्र के आसपास बमबारी के लिए एक.दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं। इस बमबारी ने संयंत्र को ग्रिड से जोड़ने वाली बिजली की लाइनों को तबाह कर दिया है।

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने नहीं की कोई टिप्पणी

एनर्गोटम ने रविवार को एक बयान में रूसी सेना से जापोरिज्जिया संयंत्र छोड़ने तथा इसके आसपास ‘असैन्यीकृत क्षेत्र‘ बनाने देने का अनुरोध किया। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। इस संयंत्र में उसके दो विशेषज्ञ हैं। एजेंसी के निदेशक ने किसी आपदा से बचने के लिए संयंत्र के आसपास सुरक्षित क्षेत्र बनाने का आह्वान किया है।

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