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महाराष्ट्र के बाद अरुणाचल प्रदेश में भूकंप, रिक्टर स्केल पर 3.8 रही तीव्रता; कोई हताहत नहीं

महाराष्ट्र के नासिक में आज (23 नवंबर) तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 मापी गई है. भूकंप के ये झटके आज सुबह करीब 4 बजे के आसपास बजे महसूस किए गए. इसका केंद्र नासिक से 89 किमी पश्चिम में बताया जा रहा है, जो जमीन से 5 किलोमीटर गहराई में था. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, इस भूकंप (Earthquake) से किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं मिली है.

जिस समय भूकंप आया उस समय ज्यादातर लोग अपने घरों में सोए हुए थे. नींद में होने के चलते लोगों को इसका ज्यादा अहसास नहीं हुआ. कुछ इलाकों में लोगों ने भूकंप के इन झटकों को जरूर महसूस किया. पिछले कुछ समय से भूकंप के आने की घटनाएं बढ़ गयी है. हाल ही में इंडोनेशिया में आए भूकंप के कारण सैकड़ों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी.

एक दिन पहले भी महसूस किए गए भूकंप के झटके

इससे पहले मंगलवार को लद्दाख के कारगिल में भी 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. भूकंप सुबह 10 बजकर पांच मिनट पर आया था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने जानकारी दी कि भूकंप का केंद्र कारगिल से 191 किलोमीटर उत्तर में था. हालांकि, इस भूकंप से किसी के हताहत होने या फिर संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली थी.

वहीं 12 नवंबर को भूकंप के झटकों ने दिल्ली-एनसीआर में धरती को हिला दिया था. भूकंप के ये झटके दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कुछ राज्यों में भी महसूस किए गए थे. भूकंप के ये झटके शाम सात बजकर 57 मिनट पर महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता का 5.4 मापी गई थी. भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किलोमीटर की गहराई में था. इससे तीन दिन पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र नेपाल में था.

भूकंप आने की वजह?

दरअसल, भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है. धरती के अंदर सात प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं. सतह के कोने मुड़ने कारण से उस जगह दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं. इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है, जिसे आम भाषा में भूकंप का नाम दिया जाता है.

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