दिल्ली/एनसीआरनोएडा

जिला कारागार गौतमबुद्धनगर में निरूद्ध बंदियों के गुणोत्तर मानसिक, आध्यात्मिक उन्नति हेतु प्रवचन कार्यक्रम आयोजित किया गया

स्वयं सेवी आध्यात्मिक संस्था राज विद्या केन्द्र, दिल्ली के माध्यम से जिला कारागार गौतमबुद्धनगर में निरूद्ध बंदियों के गुणोत्तर मानसिक, आध्यात्मिक उन्नति हेतु प्रवचन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय शांति वक्ता, श्री प्रेत रावत जी का संदेश रिकार्डिड वीडियो के माध्यम से बंदियों को सुनाया गया। प्रवचन में बताया गया कि “जब हम प्रभु को जान लेंगे तो जीवन में शांति की अनुभूति होगी और वह आनंदमय हो जाएगा। शांति प्रत्येक मनुष्य की बुनियादी जरूरत है। शांति का संदेश किसी मजहब, धर्म या पुस्तक का नहीं है, बल्कि मनुष्य के हृदय में विराजमान है। उन्होंने कहा कि मनुष्य में क्रोध, अहंकार, लोभ व मोह के साथ दया, करुणा व सेवा का भाव भी रहता है। बस जरूरत इस बात की है कि हम किसे स्वीकार करते हैं।”

जेल अधीक्षक, श्री अरूण प्रताप सिंह द्वारा बताया गया कि कारागार में निरूद्धि के दौरान कुछ बंदी तनाव व अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे बंदियों के जीवन में निराशा व हताशा से उत्पन्न हुये भाव उन्हें मानसिक रूप से कमजोर बना देते हैं। इसलिये कारागार में काउन्सिलिंग के साथ-साथ इस प्रकार के आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया जा रहा है, जिससे बंदी मानसिक रूप से स्वस्थ्य बने रहे तथा अवसाद ग्रस्त न हो।

इस अवसर पर स्वयं सेवी आध्यात्मिक संस्था राज विद्या केन्द्र, दिल्ली की ओर से कर्नल आर0 के0 शरन, श्री जी0 एन0 सिंह, श्री मती लताशरण, श्रीमती बबीता कुशवाहा तथा कारागार प्रशासन से जेल अधीक्षक    श्री अरूण प्रताप सिंह, जेलर श्री जितेन्द्र प्रताप तिवारी, डिप्टीजेलर श्री आनन्द कुमार जायसवाल, श्रीमती मनोरमा सिंह व श्री तेजवीर सिंह उपस्थित रहे।

जेल अधीक्षक, श्री अरूण प्रताप सिंह, द्वारा संस्था के सदस्यों का उक्त पुनीत कार्य हेतु आभार व्यक्त किया गया।

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